श्री गौरीनंदन की आरती in Hindi/Sanskrit
ओम जय गौरी नन्दन, प्रभु जय गौरी नंदन
गणपति विघ्न निकंदन, मंगल नि:स्पन्दन
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
ऋषि सिद्धियाँ जिनके, नित ही चवर करे
करिवर मुख सुखकारक, गणपति विध्न हरे
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
देवगणो मे पहले तव पूजा होती
तव मुख छवि भक्तो के दुख दारिद खोती
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
गुड का भोग लगत है कर मोदक सोहे
ऋषि सीद्धि सह शोभित, त्रिभुवन मन मोहै
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
लंबोदर भय हारी, भक्तो के त्राता
मातु भक्त हो तुम्ही, वांछित फल दाता
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
मूषक वाहन राजत कनक छत्रधारी
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
विघ्नारन्येदवानल, शुभ मंगलकारी
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
धरणीधर कृत आरती गणपति की गावे
सुख सम्पत्ति युत होकर वह वांछित पावे
ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन
Gouri Nandan Ki Aarti in English
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Ganpati Vighn Nikandan, Mangal Nispandan
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Rishi Siddhiyan Jinke, Nit Hi Chavar Kare
Karivar Mukh Sukhkarak, Ganpati Vighn Hare
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Devgano Mein Pehle Tav Pooja Hoti
Tav Mukh Chhavi Bhakto Ke Dukh Darid Khoti
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Gud Ka Bhog Lagat Hai Kar Modak Sohe
Rishi Siddhi Sah Shobhit, Tribhuvan Man Mohe
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Lambodar Bhay Haari, Bhakto Ke Trata
Matu Bhakt Ho Tumhi, Vanchhit Phal Data
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Mooshak Vahan Rajat Kanak Chhatradhari
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Vighnaranyedvaanal, Shubh Mangalkari
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
Dharanidhar Krit Aarti Ganpati Ki Gaave
Sukh Sampatti Yut Hokar Vah Vanchhit Paave
Om Jai Gauri Nandan, Prabhu Jai Gauri Nandan
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ओम जय गौरी नन्दन: आरती का सम्पूर्ण अर्थ
यह आरती भगवान गणपति की महिमा का वर्णन करता है, जो सभी विघ्नों को दूर करने वाले और मंगलकारी देवता माने जाते हैं। आइये, प्रत्येक पंक्ति का अर्थ विस्तार से समझते हैं:
ओम जय गौरी नन्दन, प्रभु जय गौरी नंदन
अर्थ: हे गौरी के पुत्र गणेश, आपकी जय हो। प्रभु, आपकी जय हो।
यह पंक्ति भगवान गणेश की महिमा और उनकी माँ गौरी के प्रति उनके संबंध को प्रकट करती है। भक्तजन गणेश को उनकी माँ गौरी का पुत्र कहकर सम्मानित करते हैं।
गणपति विघ्न निकंदन, मंगल नि:स्पन्दन
अर्थ: हे गणपति, आप विघ्नों को नष्ट करने वाले हैं और संसार में शुभता लाने वाले हैं।
यहाँ भगवान गणेश को विघ्न विनाशक और मंगलकारी कहा गया है। उनका आशीर्वाद जीवन में शांति और खुशियाँ लाता है।
ऋषि सिद्धियाँ जिनके, नित ही चवर करे
अर्थ: जिनके चरणों में ऋषि और सिद्धियाँ हमेशा आपकी सेवा में रहती हैं।
यह पंक्ति भगवान गणेश की महानता को दर्शाती है कि ऋषि और योगी भी उनकी सेवा में रहते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
करिवर मुख सुखकारक, गणपति विध्न हरे
अर्थ: हाथी के मुख वाले गणपति सुख देने वाले हैं और सभी विघ्नों को हरने वाले हैं।
भगवान गणेश का स्वरूप हाथी के समान है, जो सौम्यता और शक्ति का प्रतीक है। वे विघ्नों को दूर करके जीवन को सुखमय बनाते हैं।
देवगणो मे पहले तव पूजा होती
अर्थ: देवताओं के समूह में सबसे पहले आपकी पूजा की जाती है।
भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजा जाता है, क्योंकि वे विघ्नों को दूर करते हैं और कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं।
तव मुख छवि भक्तो के दुख दारिद खोती
अर्थ: आपके मुख की छवि ही भक्तों के सारे दुख और दरिद्रता को मिटा देती है।
भगवान गणेश की दिव्य छवि देखकर भक्तजन के कष्ट और दरिद्रता का अंत होता है। उनका आशीर्वाद जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
गुड का भोग लगत है कर मोदक सोहे
अर्थ: आपको गुड़ का भोग लगाया जाता है और आपके हाथ में मोदक शोभा पाते हैं।
गणेश जी को गुड़ और मोदक अति प्रिय होते हैं, और यह प्रसाद उनके भक्ति स्वरूप को प्रकट करता है।
ऋषि सिद्धि सह शोभित, त्रिभुवन मन मोहै
अर्थ: आप ऋषि और सिद्धियों के साथ शोभा पाते हैं और तीनों लोकों का मन मोह लेते हैं।
भगवान गणेश की महिमा से तीनों लोक मोहित हो जाते हैं, और वे सिद्धियों और ऋषियों के द्वारा पूजित होते हैं।
लंबोदर भय हारी, भक्तो के त्राता
अर्थ: लंबोदर (बड़े पेट वाले) भगवान सभी भय को हरने वाले हैं और भक्तों के रक्षक हैं।
भगवान गणेश को ‘लंबोदर’ कहा जाता है, जो उनकी सुरक्षा और पालन करने की शक्ति को दर्शाता है। वे अपने भक्तों को हर संकट से बचाते हैं।
मातु भक्त हो तुम्ही, वांछित फल दाता
अर्थ: हे माता के भक्त, आप ही सबको इच्छित फल देने वाले हैं।
भगवान गणेश अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं और उन्हें उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
मूषक वाहन राजत कनक छत्रधारी
अर्थ: आपका वाहन मूषक (चूहा) है, और आप सुनहरे छत्र से सुशोभित हैं।
भगवान गणेश का वाहन मूषक है, जो उनकी विनम्रता और सेवा भाव का प्रतीक है। उनके सिर पर सुशोभित सुनहरा छत्र उनकी महिमा और सामर्थ्य को दर्शाता है।
विघ्नारन्येदवानल, शुभ मंगलकारी
अर्थ: आप विघ्नों के वन में अग्नि की तरह हैं, और शुभ मंगल के कारक हैं।
भगवान गणेश को विघ्नों के विनाशक के रूप में दर्शाया गया है। वे हर विपत्ति को समाप्त करते हैं और सुख-शांति प्रदान करते हैं।
धरणीधर कृत आरती गणपति की गावे
अर्थ: पृथ्वी को धारण करने वाले आपकी आरती गाते हैं।
यहाँ भगवान गणेश की महिमा में सभी जीव-जंतुओं और धरती का वर्णन किया गया है, जो उनकी आरती गाते हैं।
सुख सम्पत्ति युत होकर वह वांछित पावे
अर्थ: वे सुख और समृद्धि प्राप्त करते हैं और अपनी इच्छाएं पूरी करते हैं।
भगवान गणेश की पूजा करने वाले भक्त सुख, समृद्धि और अपनी इच्छाओं की पूर्ति पाते हैं। उनका आशीर्वाद सभी को सफलता प्रदान करता है।
यहाँ भजन के सभी अर्थों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसमें भगवान गणेश की महिमा, उनका स्वरूप, और भक्तों पर उनकी कृपा का वर्णन है।