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मुख्य बिंदु
- – जब साध संगत मिलती है तो सभी बाहरी संबंध और तात्पर्य भूल जाते हैं।
- – सच्चे साधु और सुमत की संगति से ही सही भलाई और मार्गदर्शन मिलता है।
- – प्रभु की कृपा से ही सब कुछ अच्छा और सही माना जाता है।
- – सभी में प्रभु का प्रकाश समान रूप से व्याप्त है, इसलिए किसी में भेदभाव नहीं करना चाहिए।
- – नानक जी का संदेश है कि प्रेम और एकता से सभी बंधन टूट जाते हैं।

भजन के बोल
बिसर गई सब तात पराई,
जब ते साध संगत मोहे पाई,
ना कोई बैरी नहीं बेगाना,
सगल संग हमको बन आई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।
जो प्रभु कीन्हो सो भल मान्यो,
एह सुमत साधु ते पाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।
सब में रव रहिया प्रभु एको,
पेख पेख नानक बिगसाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
