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- – गुरुवर टेकचंद जी को कड़छा धाम का सेठ और गुरु माना जाता है, जिनकी महिमा अपार है।
- – कड़छा धाम पर आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते, यहाँ उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
- – भक्तों का मन भगवान और गुरुदेव की भक्ति से रंगा हुआ होता है, जिससे सभी को सुख-शांति मिलती है।
- – कड़छा धाम पर नवयुवकों सहित सभी भक्तों को आनंद और मौज का अनुभव होता है।
- – यह गीत प्राशांत चावड़ा द्वारा लिखा और गाया गया है, जो नागदा, धार, मध्य प्रदेश से हैं।

गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी,
यहां आई ने भक्ता की खाली मौज होए नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी।।
गुरूवर तो आज म्हारा सेठ बण्या है,
कड़छा का मंदिर टेकचंद जी बैठ्या है।
आज माँग लो सब थे तो मन चाहो जोई भी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी।।
भगत रंग्या भगवान रंग्या है,
भक्ता का मन में गुरुदेव बस्या है।
नवयुवक संग में आज सबकी मौज होए नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी।।
गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी,
यहां आई ने भक्ता की खाली मौज होए नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी।।
– Singer and Writer –
Prashant chawda Nagda Dhar Mp
8269337454
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