- – यह गीत भगवान श्याम (सांवरा) की भक्ति और उनकी करुणा को दर्शाता है, जो हारकर भी उनके दर पर आने वालों को अपनाते हैं।
- – श्याम भक्तों को सहारा और आश्रय देते हैं, विशेषकर जब वे जीवन की कठिनाइयों और दुखों से जूझ रहे होते हैं।
- – ग़म और दुख के समय श्याम भक्तों के दुखों को मिटा देते हैं और उनके आंसूओं को मोती में बदल देते हैं।
- – खुशियों के पलों में भी श्याम संतोष और आनंद के साथी बनकर जीवन को महकाते हैं।
- – गीत में श्याम के प्रति नित प्रेम और विश्वास की भावना को प्रमुखता दी गई है, जो भक्तों को हमेशा उनका सहारा बनाता है।
- – हारकर भी श्याम के चरणों में आने वाले भक्तों को वे स्नेहपूर्वक अपनाते हैं, जो उनकी अनंत दया और प्रेम का प्रतीक है।

हार कर दर पे जो आता है,
सांवरा उनको अपनाता है,
थोड़े आंसू और मन में भाव लिए,
श्याम चरणों में जो आता है,
हार कर दर पे जों आता है,
सांवरा उनको अपनाता है।।
श्याम देता सहारा,
वो ही तो दे आसरा,
बीच मझधार जो कश्ती,
किनारा भी दे सांवरा,
हर दम हारे का देता साथ है,
ऐसा श्याम सरकार है,
जिनकी साँसों में नित प्रेम है,
सांवरा उनको अपनाता है,
हार कर दर पे जों आता है,
सांवरा उनको अपनाता है।।
ग़म के बदल जब छाये,
लीले चढ़ वो आता है,
अपने भक्तों के जीवन के,
दुखड़े मिटा जाता है,
आज के आंसू कल मोती बने,
अंश को हर पल विश्वास है,
जिनकी आँखों में नित प्रेम है,
सांवरा उनको अपनाता है,
हार कर दर पे जों आता है,
सांवरा उनको अपनाता है।।
घड़ी खुशियों की जब आये,
संग संग झूमता गाता है,
‘संतोष’ के हर एक पल पल का,
साथी वो बन जाता है,
जीवन बगिया महकता है,
मन में वो बस जाता है,
जो इन्हे मानता मीत है,
सांवरा उनको अपनाता है,
हार कर दर पे जों आता है,
सांवरा उनको अपनाता है।।
हार कर दर पे जो आता है,
सांवरा उनको अपनाता है,
थोड़े आंसू और मन में भाव लिए,
श्याम चरणों में जो आता है,
हार कर दर पे जों आता है,
सांवरा उनको अपनाता है।।
Singer – Santosh Mahant
