- – यह गीत भक्ति और प्रेम की भावना को दर्शाता है, जिसमें भक्त अपने बाबा (ईश्वर) के आने की इच्छा व्यक्त करते हैं।
- – गीत में सेवा और पूजा की सरलता और भक्तों की नादानी को स्वीकार किया गया है।
- – भक्ति में हीरे, मोती या सोने की बजाय प्रेम भाव को सबसे बड़ा श्रृंगार बताया गया है।
- – दुनिया की झूठी प्रीत और हंसी के बीच भी भक्त अपने ईश्वर के प्रति सच्चे और पागलपन भरे प्रेम को बनाए रखते हैं।
- – भक्त ईश्वर से उपकार की प्रार्थना करते हैं और अपने सूखे, रुखे मन को भोग लगाने की इच्छा जताते हैं।
- – पूरे गीत में कीर्तन और भक्ति के माध्यम से ईश्वर के दर्शन और प्रेम की अनुभूति की बात की गई है।

हमारे घर कीर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है,
दीवाने भक्तों को,
दरश दिखाना है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
सेवा और पूजा से थोड़े अनजान है,
हमारे घर किर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है।।
तर्ज – मेरा एक सपना है।
हीरे मोती ना सोने के हार है,
प्रेम भाव से किया तेरा श्रृंगार है,
बिछाए पलकों को करे इंतजार तेरा,
बिछाए पलकों को करे इंतजार तेरा।।
सारी दुनिया झूठी प्रीत निभाती है,
पागल कहके हंसी मेरी ये उड़ाती है,
की सारी दुनिया को तुम्हे ही समझाना है,
की सारी दुनिया को तुम्हे ही समझाना है।।
जैसे हमसे सेवा बनी स्वीकार करो,
कहे ‘मोहित’ हम भक्तो पे उपकार करो,
जो रुखा सुखा है वो भोग लगाना है,
जो रुखा सुखा है वो भोग लगाना है।।
हमारे घर कीर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है,
दीवाने भक्तों को,
दरश दिखाना है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
हम सेवक थोड़े नादान है,
सेवा और पूजा से थोड़े अनजान है,
हमारे घर किर्तन है,
ओ बाबा तुम्हे आना है।।
Singer – Bunty Sharma
