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हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा मेरे इन होठों पे हैं भजन लिरिक्स – Har Ghadi Sumiran Tumhara Mere In Hotho Pe Hain Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह गीत प्रेम और भक्ति की भावना से ओतप्रोत है, जिसमें प्रियाकांत का नाम बार-बार जपने की बात कही गई है।
  • – गीत में प्रियाकांत की सुंदरता, चाल-ढाल और मुस्कान की तारीफ की गई है।
  • – गीतकार ने प्रियाकांत की एक झलक को पूरी दुनिया के दीवाने होने के समान बताया है।
  • – गीत में आँखों के इशारे और भावनाओं का भी उल्लेख है, जो प्रेम की गहराई को दर्शाता है।
  • – यह भजन श्री देवकीनंदन जी ठाकुर द्वारा स्वरबद्ध किया गया है और इसमें भक्ति और प्रेम का समन्वय है।

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हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियाकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।

तर्ज – सांवली सूरत पे मोहन।



बांकी छवि बांकी अदा,

बांकी हंसी बांका चलन,
रूबरू बांका नज़ारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियाकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।



एक सूरत आपकी,

और दीवाना सारा जहां,
हाल जो होगा हमारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।



मेरी आँखों में कटीली,

अपनी आँखे डालकर,
जो किया तुमने इशारा,
Bhajan Diary Lyrics,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।



हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा,

मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियाकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।

स्वर – श्री देवकीनंदन जी ठाकुर।


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