धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें
Join Now
- – यह गीत प्रेम और भक्ति की भावना से ओतप्रोत है, जिसमें प्रियाकांत का नाम बार-बार जपने की बात कही गई है।
- – गीत में प्रियाकांत की सुंदरता, चाल-ढाल और मुस्कान की तारीफ की गई है।
- – गीतकार ने प्रियाकांत की एक झलक को पूरी दुनिया के दीवाने होने के समान बताया है।
- – गीत में आँखों के इशारे और भावनाओं का भी उल्लेख है, जो प्रेम की गहराई को दर्शाता है।
- – यह भजन श्री देवकीनंदन जी ठाकुर द्वारा स्वरबद्ध किया गया है और इसमें भक्ति और प्रेम का समन्वय है।

हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियाकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।
तर्ज – सांवली सूरत पे मोहन।
बांकी छवि बांकी अदा,
बांकी हंसी बांका चलन,
रूबरू बांका नज़ारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियाकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।
एक सूरत आपकी,
और दीवाना सारा जहां,
हाल जो होगा हमारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।
मेरी आँखों में कटीली,
अपनी आँखे डालकर,
जो किया तुमने इशारा,
Bhajan Diary Lyrics,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।
हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा,
मेरे इन होठों पे हैं,
नाम प्रियाकांत प्यारा,
मेरे इन होठों पे हैं।।
स्वर – श्री देवकीनंदन जी ठाकुर।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
