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- – यह गीत खाटू धाम की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है, जहाँ हर ग्यारस को श्रद्धालु खाटू धाम की यात्रा करते हैं।
- – गीत में बाबा श्याम की भक्ति और उनके दरबार में मनोकामनाएँ पूरी होने की बात कही गई है।
- – भक्तों की सेवा और कीर्तन में शामिल होने को बड़े भाग्य की बात बताया गया है।
- – गीत में परिवार के साथ खाटू मेले में शामिल होने और बाबा के प्रति भक्ति भाव व्यक्त किया गया है।
- – बार-बार “अरे लिख के लेलो जब तक जीवे, मौज उड़ावेगा” का दोहराव जीवन में खुशियाँ और आनंद पाने का संदेश देता है।

हर ग्यारस ने चलके,
जो खाटू आवेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
तर्ज – थोडा देता है या।
बैठ के खाटू नगरी में,
खेल सब खेल रया सै वो,
वो म्हारे कर्मा का लेखा,
उने ते देख रया से वो,
नाच नाच के जो भी,
बाबा ने रिझावेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
बड़े किस्मत वाले है वो,
जो चल कीर्तन में आते है,
श्याम की चौखट पे आके,
मुरादें मन की पाते है,
बाबा की सेवा में जो,
दिन रात बितावेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
मैं भी इस बार फागण में,
श्याम मेले में जाऊँगा,
ध्वजा हाथो में लेकर मैं,
संग परिवार आऊंगा,
‘नाथ’ भी बाबा भगता के,
संग नाचे गावेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
हर ग्यारस ने चलके,
जो खाटू आवेगा,
अरे लिख के लेलो जब तक जीवे,
मौज उड़ावेगा।।
Singer – Ajay Sharma
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
