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हर रोज रहे त्यौहार यहाँ भारत की बात बताता हूँ भजन लिरिक्स – Har Roz Rahe Tyohaar Yahan Bharat Ki Baat Batata Hoon Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह कविता हिंदू धर्म के त्योहारों और पूजा-पाठ की महिमा को दर्शाती है, जो हर दिन और हर मास मनाए जाते हैं।
  • – इसमें भोले शंकर, गणपति, गुरु, शुक्र, शनि, सूर्य आदि देवताओं के वार और उनसे जुड़ी पूजा का उल्लेख है।
  • – हनुमान जयंती, आखातीज, गंग दशहरा, रथ पर्व, सावन के कावड़ यात्रा जैसे पर्वों का वर्णन किया गया है।
  • – जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों का भी उल्लेख है।
  • – मृगशिर, संक्रांत, बसंत, शिवरात्रि, होली जैसे पारंपरिक पर्वों का भी जिक्र है, जो हिंदू धर्म की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।
  • – कविता में हर दिन और हर मास पूजा करने की भावना और हिंदू धर्म के प्रति श्रद्धा को प्रमुखता दी गई है।

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हर रोज रहे त्यौहार यहाँ,
भारत की बात बताता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।
तर्ज – है प्रीत जहाँ की रीत सदा।

हर रोज रहे त्यौहार यहाँ,
भारत की बात बताता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।



भोले शंकर का सोमवार,

मंगल नवनिधि के दाता का,
गणपति का बुध गुरु का बृहस्पत,
है शुक्र संतोषी माता का,
शनिवार शनि रवि सूरज का,
हर वार की महिमा गाता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।



हनुमान जयंती चेत सुदी,

और आखातीज बैसाख में है,
फिर ज्येष्ठ में आता गंग दशहरा,
रथ का पर्व आषाढ़ में है,
सावन में कावड़ लाता हूँ,
भोले शंकर को चढ़ाता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

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हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।



जन्माष्टमी रक्षाबंधन,

भादो महीने में आते है,
दुर्गा पूजा नवरात सभी,
अश्विन में मिल के मनाते है,
आती दिवाली कार्तिक में,
घर द्वार मै खूब सजाता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।



महाराणी सतीजी जन्मजयंती,

मृगशिर महीने में आये,
संक्रांत बसंत और शिवरात्रि,
है पौष माघ लेकर आये,
फागण में होली खेलने मैं,
दरबार श्याम के जाता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।



जितनी महिमा दिन तिथियों की,

हर दिन हर मास ही प्यारे है,
एकम से अमावस पूर्णिमा तक,
‘लख्खा’ यहाँ अजब नज़ारे है,
हर दिन ही हर्ष लगे मेले,
सुनलो मैं सबको सुनाता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।



हर रोज रहे त्यौहार यहाँ,

भारत की बात बताता हूँ,
हर दिन हर मास करूँ पूजा,
हिन्दू का धर्म निभाता हूँ।।

हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ।


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