- – जीवन के अंतिम दिन निकट हैं, इसलिए हरि नाम का ध्यान लगाकर जीवन को सफल बनाना चाहिए।
- – गुरु का सहारा लेने वाले ही भवसागर से पार पाते हैं और भाग्यशाली होते हैं।
- – न तन, न धन, न दौलत अंतिम समय में काम आती है, केवल गुरु की राह पर चलना ही मंज़िल तक पहुंचाता है।
- – बचपन और जवानी बीत चुकी है, समय कम है, इसलिए हरि नाम का भजन और गुरु की निशानी को अपनाना आवश्यक है।
- – बुढ़ापा भी निकट है, इसलिए अभी से आध्यात्मिक जीवन की ओर ध्यान देना चाहिए।
- – भजन का संदेश है कि जीवन को सफल बनाने के लिए हरि नाम का ध्यान और गुरु की शरण आवश्यक है।

हरि नाम ध्यालो,
नाम धन कमालो,
कि दिन आखिरी अब,
करीब आ गया है,
जीवन को अपने सफल बनालो,
कि दिन आखिरी,
अब करीब आ गया है।।
तर्ज – ये माना मेरी जा।
जिसने गुरू का,
लिया है सहारा,
उसी को गुरू ने,
भव से है तारा..हाँ,
बड़े है निराले,
वो भाग्य वाले,
जो सतगुरू के,
करीब आ गया है।
हरि नाम ध्यालों,
नाम धन कमालो,
कि दिन आखिरी अब,
करीब आ गया है।।
न तन काम आए,
न धन काम आए,
यहाँ कि ये दौलत,
यही रह जाए,,हाँ,
चलता रहा जो,
राह गुरु की,
वो मँज़िल के अपनी,
करीब आ गया है।
हरि नाम ध्यालों,
नाम धन कमालो,
कि दिन आखिरी अब,
करीब आ गया है।।
बचपन है बीता,
आई जवानी,
समय है बहुत कम,
हरि भज प्राणी, हाँ..
गुरू की निशानी,
पड़ेगी लोटानी,
बुढ़ापा भी अब तो,
करीब आ गया है।
हरि नाम ध्यालों,
नाम धन कमालो,
कि दिन आखिरी अब,
करीब आ गया है।।
हरि नाम ध्यालो,
नाम धन कमालो,
कि दिन आखिरी अब,
करीब आ गया है,
जीवन को अपने सफल बनालो,
कि दिन आखिरी,
अब करीब आ गया है।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
