- – यह गीत जीवन में हँसी और मीठे बोलों की महत्ता को दर्शाता है, जो एक बार खो जाने पर फिर वापस नहीं मिलते।
- – गीत में नदी, खेत, गंगा-यमुना जैसे प्राकृतिक और पवित्र स्थलों का उल्लेख है, जो जीवन की सुंदरता और पवित्रता को दर्शाते हैं।
- – हंसने और मीठे बोल बोलने को जीवन का अनमोल हिस्सा बताया गया है, जो मन को प्रसन्न और जीवन को खुशहाल बनाता है।
- – गीत में प्रेम, मित्रता, और संतों की बातों का भी उल्लेख है, जो जीवन में शांति और समझदारी लाते हैं।
- – यह गीत राजस्थान की लोक संस्कृति और भाषा की मिठास को भी उजागर करता है।
- – गायक शंकर जी टाक द्वारा प्रस्तुत यह गीत मनीष सीरवी द्वारा प्रेषित है, जो पारंपरिक लोक संगीत की झलक देता है।

हस हस मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला ना आय।।
अरे नदी रे किनारे रूकनो ओ,
हंसला ए जद कदी करे है विलाप,
अरे पेला जडसी पालना ओ,
पेला जडसी पालना ओ,
पचे जडो रे मुल सु जाय,
मीठो मन बोलनो रे हंसला,
फिर मिला न आय।।
पान जडता बोलीया ओ,
ए हंसला ए सुरत वाली बाण,
अरे अबके बिछ्या न मिला ओ,
अबके बिछ्या न मिला ओ,
पुरब बुर पडाला जाय,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे हंस आया हंसा रे खेत मे,
ओ हंसला मूर्ख मारन जाय,
अरे हंस आया हंसा रे खेत में,
ओ हंसला अ मूर्ख मारन जाय,
अरे सुन मूर्ख तू पावना ओ,
अरे सुन मूर्ख तू पावना ओ,
हंसो पर धन नही खाय,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
रत्न तनाई जल भरीयो ओ,
ए हंसला जटे हंस राजा बैठा आय,
अरे रत्न तनाई जल भरीयो ओ,
ए हंसला जटे हंस राजा बैठा आय,
अरे प्रीत पुरानी कारने ओ,
प्रीत पुरानी कारने ओ,
अरे चुग चुग कंक खाय,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे हंस आया हंसा रे पावना ओ,
ए हंसला किनरी करूँ मनवार,
अरे लाला करू बिछावना रे,
लाला करू बिछावना रे,
अरे मोतीडा री मनवार,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे चौपड़ ढाली ओ चोवटे रे,
हंसला अरे खेले कोई संत सुजान,
अरे चौपड ढाली ओ चोवटे रे,
हंसला अरे खेले कोई संत सुजान,
अरे कोई एक बाजी जीत गया ओ,
अरे कोई कोई बाजी जीत गया ओ,
ए बीरा कोई कोई गया रे हार,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे गंगा से यमुना बडी ओ हंसला,
अरे तिर्थ बडो है केदार,
अरे गंगा से यमुना बडी ओ हंसला,
तिर्थ बडो केदार,
अरे बाबो डूंगरपुरी बोलीया ओ,
अरे बाबो डूंगरपुरी बोलीया ओ,
ए थारो वैकुण्ठा मे वेला वास,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
हस हस मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला ना आय।।
गायक – शंकर जी टाक।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
