- – यह गीत भगवान राम की महिमा और उनके अद्भुत कार्यों का वर्णन करता है।
- – राम दुलारा को जानकी (सीता) का प्यारा बताया गया है, जो उनकी भक्ति और प्रेम को दर्शाता है।
- – गीत में राम के विभिन्न स्थानों जैसे अवधपुरी, पम्पापुरी, सुमिरु पर्वत, लंका पुरी और आकाश पूरी में किए गए कार्यों का उल्लेख है।
- – राम ने संजीवन बूटी लाने, लंका जलाने और सूरज को निगलने जैसे अद्भुत कार्य किए हैं।
- – पूरे गीत में राम की महानता और उनकी हवा में उड़ने जैसी दिव्यता का बखान किया गया है।

हवा में उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा,
राम दुलारा, वो तो जानकी का प्यारा,
हवा मे उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
एक दिन देखा मेने अवधपुरी में,
अवधपुरी में रामा अवधपुरी में,
राम की लगन लगाए रे, मेरा राम दुलारा,
हवा मे उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
एक दिन देखा मेने पम्पापूरी में,
पम्पापूरी में रामा पम्पापूरी में,
सुग्रीव से प्रीत लगाए रे, मेरा राम दुलारा,
हवा मे उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
एक दिन देखा मेने सुमिरु पर्वत पे,
सुमिरु पर्वत पे रामा सुमिरु पर्वत पे,
संजीवन बूटी लाये रे, मेरा राम दुलारा,
हवा मे उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
एक दिन देखा मेने लंका पुरी में,
लंका पुरी में रामा लंका पुरी में,
सोने की लंका जलाये रे, मेरा राम दुलारा,
हवा मे उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
एक दिन देखा मेने आकाश पूरी में,
आकाश पूरी में रामा आकाश पूरी में,
सूरज को निगल जो डाले रे, मेरा राम दुलारा,
हवा में उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
हवा में उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा,
राम दुलारा, वो तो जानकी का प्यारा,
हवा मे उड़ता जाये रे मेरा राम दुलारा।।
