- – यह गीत भगवान गजानन और श्याम प्यारे के प्रति भक्ति और उनकी महिमा का वर्णन करता है।
- – गीत में शुभ घड़ी के आगमन और रिद्धि-सिद्धि के साथ उनके स्वागत की बात कही गई है।
- – भक्तों द्वारा भगवान के चरणों में सिर झुकाकर वंदन और फूलों के हार पहनाने का वर्णन है।
- – देवताओं का जमघट और भगवान के दर्शन की प्रतीक्षा का भाव व्यक्त किया गया है।
- – गीत में भक्तों की विनती और उत्सव की जय-जयकार के माध्यम से भक्ति की गहराई दर्शाई गई है।
- – समग्र रूप से यह भक्ति गीत भगवान गजानन और श्याम प्यारे की आराधना और उनकी दरकार को प्रमुखता देता है।

हे गजानन आपकी दरकार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
हे गजानन आपकी दरकार है।।
तर्ज – दिल के अरमा।
शुभ घडी आई सुहानी आइये,
रिद्धि सिद्धि साथ अपने लाइये,
आपकी महिमा तो अपरम्पार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
हे गजानन आपकी दरकार है।।
सबसे पहले आपकी सेवा करे,
चरणों में सर को झुका वंदन करे,
पहनिए फूलों के लाए हार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
हे गजानन आपकी दरकार है।।
देवताओं का लगा जमघट यहाँ,
ये बताए आप अब तक है कहाँ,
हम सभी को आपका इंतजार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
हे गजानन आपकी दरकार है।।
श्याम भक्तो की विनय सुन लीजिये,
‘बिन्नू’ की अर्जी है दर्शन दीजिये,
आपसे उत्सव की जय जयकार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
हे गजानन आपकी दरकार है।।
हे गजानन आपकी दरकार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
श्याम प्यारे का सजा दरबार है,
हे गजानन आपकी दरकार है।।
