- – यह कविता राधा के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम व्यक्त करती है, जिसमें राधा को जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और प्यारी व्यक्ति बताया गया है।
- – कवि अपनी व्याकुलता और वियोग की भावना को प्रकट करता है, जब वह राधा की याद में आंसुओं से भीग जाता है।
- – जीवन की हर सांस में राधा का स्मरण और उनके चरणों की सेवा की कामना की गई है।
- – कवि अपने आप को राधा का दरश भिखारी मानता है और उनकी कृपा और करुणा की प्रार्थना करता है।
- – यह कविता प्रेम, भक्ति, समर्पण और आध्यात्मिक अनुभूति का सुंदर मिश्रण है, जो राधा के प्रति अनन्य श्रद्धा दर्शाती है।

हे लाड़ली राधे मेरे जीवन में,
ऐसा भी कोई शुभ दिन आवे,
तेरी याद मे व्याकुल हो जाऊं इतना,
अंसुओ की यमुना बाह जाये।।
पल पल छीन छीन प्यारी राधे,
तेरी बाट निहारु में,
इस जीवन की हर श्वास श्वास मे,
तुम्हे पुकारो मे,
रहा अब जाए ना,
कहा कुछ जाए ना,
तेरे चरणों की सेवा में,
जीवन मेरा ये कट जाये,
हे लाड़ली राधे मेरे जीवन मैं,
ऐसा भी कोई शुभ दिन आवे।।
इतना वियोगी बन जाऊं,
सुध बुध खो जाए सारी,
मूर्छित पड़ा रहूँ ब्रज रज में,
बनकर तेरा दरश भिखारी,
दशा मुझ दिन की,
मंद मतिहीन की,
तभी सुधरेगी की श्री श्यामा,
हाथ सिर पर जो सहरावे,
हे लाड़ली राधे मेरे जीवन मैं,
ऐसा भी कोई शुभ दिन आवे।।
दे देना जगह नीच चरनन मे
यही कामना जीवन की,
प्रीतम संग प्यारी आओगी,
सुध लेना निर्धन की,
कृपा बरसाओ की
मुझे अपनाओगी
तेरी करुणा भरी दृष्टि को
ये चित्र विचित्र भी ललचावे,
हे लाड़ली राधे मेरे जीवन मैं,
ऐसा भी कोई शुभ दिन आवे।।
हे लाड़ली राधे मेरे जीवन मै,
ऐसा भी कोई शुभ दिन आवे,
तेरी याद मे व्याकुल हो जाऊं इतना,
अंसुओ की यमुना बाह जाये।।
