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- – कविता में भगवान राम के चरणों में प्रेम समर्पित करने की भावना व्यक्त की गई है।
- – रावण और विभीषण के उदाहरण से भक्ति और शरणागति की महत्ता बताई गई है।
- – शबरी और मीरा जैसे भक्तों के प्रेम और समर्पण का उल्लेख किया गया है।
- – प्रेम को इतना शक्तिशाली बताया गया है कि वह व्यक्ति को संसार का मालिक बना सकता है।
- – कविता में सच्चे प्रेम और भक्ति को जीवन का सर्वोच्च मार्ग बताया गया है।

हे राम तुम्हारे चरणों में,
जब प्यार किसी को हो जाए,
दो चार जनों की बात तो क्या,
संसार का मालिक बन जाए।।
तर्ज – दिल लुटने वाले जादूगर।
रावण ने राम से बैर किया,
अब तक भी जलाया जाता है,
बन भक्त विभीषण शरण गए,
घर बार उसी का हो जाए,
हे राम तुम्हारे चरणो में,
जब प्यार किसी को हो जाए।।
गणिका ने कौन से वेद पड़े,
शबरी क्या रूप की रानी थी,
जिसमे छल कपट का लेश नहीं,
श्री राम उसी का बन जाए,
हे राम तुम्हारे चरणों में,
जब प्यार किसी को हो जाए।।
माया के पुजारी सुन लो तुम,
उस प्रेम दीवानी मीरा से,
गर प्रेम हो मीरा सा मन में,
मोहन तेरा भी हो जाए,
हे राम तुम्हारे चरणो में,
जब प्यार किसी को हो जाए।।
हे राम तुम्हारे चरणों में,
जब प्यार किसी को हो जाए,
दो चार जनों की बात तो क्या,
संसार का मालिक बन जाए।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
