- – सालासर हनुमान की महिमा और उनके बल का संसार ने सम्मान किया है।
- – हनुमान जी की भक्ति और समर्पण को माँ ने पहचाना और स्वीकार किया है।
- – राम भगवान का प्रेम और भक्ति हनुमान के हृदय में गहराई से समाया हुआ है।
- – माँ के सिंदूर से हनुमान का शरीर रंगा और श्री राम ने उनका रूप देखा।
- – हनुमान जी की भक्ति और शक्ति को लेकर माँ ने श्री राम को बताया और उनका मन प्रसन्न किया।
- – पूरे जगत में सालासर हनुमान का नाम और उनकी महिमा फैल चुकी है।

हे सालासर हनुमान,
संसार ने माना है,
सारे जग में नाम तेरा,
तू अति बलवाना है।।
तर्ज – होंठो से छूलो तुम
कही आज तलक देखा,
तुम जैसा विर नही,
तुम चिर दिए सीना,
नैनो में नीर नही,
तुम जैसा भक्त नही,
माँ ने पहचाना है,
है सालासर हनुमान,
संसार ने माना है।।
जब देखा सीने में,
तेरे राम समाया है,
मोतियन की माला का,
फिर दाम लगाया है,
क्या काम की ये माला,
जब राम ना पाना है,
है सालासर हनुमान,
संसार ने माना है।।
माँ के सिंदूर से जब,
तूने तन को रंग डाला,
श्री राम ने देखा तब,
क्या रूप बना डाला,
हे कपि तुझे किसने,
ये भेद बताया है,
है सालासर हनुमान,
संसार ने माना है।।
माता ने कहा इससे,
मेरे स्वामी है रीझे,
सोचा ये सच होगा,
ये काज तुरंत कीजे,
कबसे बजरंग मन में,
श्री राम समाया है,
हे सालासर हनुमान,
संसार ने माना है।।
हे सालासर हनुमान,
संसार ने माना है,
सारे जग में नाम तेरा,
तू अति बलवाना है।।
