- – यह भजन माँ दुर्गा के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाता है, जिसमें भक्त अपनी विनती लेकर माँ के द्वार पर आता है।
- – भजन में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों जैसे शेरोंवाली, ज्योता वाली, अम्बे काली का उल्लेख है।
- – भक्त माँ से दया और कृपा की प्रार्थना करता है, अपने हाथ खाली होने के बावजूद भी।
- – माँ की महिमा और उनके द्वारा भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाने का गुण गाया गया है।
- – भजन में माँ से अपनाने या ठुकराने की बात कही गई है, पर भक्त फिर भी उनका आशीर्वाद चाहता है।
- – यह भजन श्री शिवनारायण वर्मा द्वारा लिखा गया है और इसमें भक्तिभाव की गहराई स्पष्ट है।
हे माँ शेरोँवाली,
सुनो ज्योता वाली,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया,
तू अपनाले चाहे,
या ठुकरादे मइया,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया।।
तर्ज – ऐ फूलो की रानी।
तेरे रूप का क्या,
मै वर्णन करूँ माँ,
मै बालक हूँ बस,
तुझको वंदन करू माँ,
सबकी भरती हो झोली,
हे माँ अम्बे काली,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया,
तू अपनाले चाहे,
या ठुकरादे मइया,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया।।
करदो मुझपे दया अब,
ना करना माँ देरी,
आज सुनलो ये विनती,
हे माँ अम्बै मेरी,
करूँ भेट क्या मै,
माँ है हाथ खाली,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया,
तू अपनाले चाहे,
या ठुकरादे मइया,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया।।
अपने भक्तो को कष्टो,
से तुमने उबारा,
गाता है माँ जमाना,
सदा गुण तुम्हारा,
तीनो लोको से भी,
माँ की महिमा है न्यारी,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया,
तू अपनाले चाहे,
या ठुकरादे मइया,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया।।
हे माँ शेरोँवाली,
सुनो ज्योता वाली,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया,
तू अपनाले चाहे,
या ठुकरादे मइया,
सवाली तेरे द्वार पर आ गया।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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