- – यह भजन एक भक्त की अपनी बाबा (ईश्वर) से प्रार्थना है, जिसमें वह अपनी सुनसान और सूनी गोद को सजाने की इच्छा व्यक्त करता है।
- – भक्त अपने लाल (संतान या प्रिय) के लिए दुखी है और बाबा से उसकी जीवन में खुशहाली और उजाड़ को दूर करने की विनती करता है।
- – भजन में सांस लेने की कठिनाई और मानसिक पीड़ा का उल्लेख है, जिसमें बाबा से सांत्वना और लाल को गोद में खिलाने की प्रार्थना की गई है।
- – भक्त बाबा की शरण में आकर छठी के गीत गाने और उनकी दया से पार पाने की कामना करता है।
- – भजन में रामकिशन नामक भक्त का भी उल्लेख है, जो बाबा के सच्चे भक्त हैं और बाबा की दया से जीवन में पार पाने की आशा व्यक्त की गई है।
- – यह भजन नरेन्द्र कौशिक द्वारा गाया गया है और राकेश कुमार जी द्वारा प्रेषित किया गया है, जो हरियाणा के रोहतक क्षेत्र से संबंधित हैं।

हो मेरे बाबा मेरी सुनी गोद सजादे,
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हो मैं रोऊँ लाल की मारी,
और ना कोई चीज लागती प्यारी,
हो मेरे बाबा मेरा उजड़ा ढुँढ़ बसादे,
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हों मेरे बाबा मेरी सुनी गोद सजादे
या दुनिया बांझ बतावः स।।
सांस नन्द मन्नै बांझ बतावः,
ताने दे क मन्नै रूलावः,
हो मेरे बाबा मेरी गोदी में लाल खिलादे,
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हों मेरे बाबा मेरी सुनी गोद सजादे
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हो मैं तेरी शरण में आई,
तेरे चरणां में अर्जी लाई,
हो मेरे बाबा तुं गीत छठी के गवादे,
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हों मेरे बाबा मेरी सुनी गोद सजादे
या दुनिया बांझ बतावः स।।
सुणया तेरा सांच गाम में डेरा,
रामकिशन यो भक्त स तेरा,
हो मेरे बाबा दयालू ने पार लगादे,
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हों मेरे बाबा मेरी सुनी गोद सजादे
या दुनिया बांझ बतावः स।।
हो मेरे बाबा मेरी सुनी गोद सजादे
या दुनिया बांझ बतावः स।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
