- – यह गीत बाबा साहेब शिरडी के भक्तों की भावनाओं और भक्ति को दर्शाता है, जो अपने आप को “बाबा वाले” कहते हैं।
- – गीत में शिरडी के साईं बाबा द्वारा दी गई ज्ञान और उनकी भक्ति का वर्णन है, जो सभी के लिए मार्गदर्शक हैं।
- – भक्तों की श्रद्धा और आस Baba के प्रति गहरी है, वे सुबह की आरती और दर्शन के लिए उत्सुक रहते हैं।
- – गीत में बाबा के प्रति समर्पण, भक्ति और उनके गुणगान की इच्छा प्रकट की गई है।
- – यह गीत भक्तों के जीवन में बाबा की महत्ता और उनके प्रति प्रेम को सरल और भावपूर्ण भाषा में प्रस्तुत करता है।

हम बाबा वाले है,
दोहा – क्या पूछते हो हाल मेरे,
कारोबार का,
मैं फूल बेचता हूँ,
बाबा तेरी गली में।
सारी दुनिया में हम लोगों,
के अंदाज़ निराले हैं,
हम बाबा वाले है,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
शिरडी में आकर साईं ने,
सबको दिया है ज्ञान,
सारे जगत को लूट के बैठे,
सारे जगत को लूट के बैठे,
फिर भी बने अंजान,
बड़े भोले भाले हैं,
साईं जी बड़े भोले भाले हैं,
हम बाबा वाले हैं,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
साठ बरस तक घर पे बैठकर,
धूनी तूने रमाई,
देखा है जाने वालों ने,
बाबा तेरी खुदाई,
जो जाने वाले है,
हम बाबा वाले हैं,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
सुबह सवेरे आरती हो तो,
बैठे आस लगाये,
मेरी तरफ भी एक नज़र हो,
हम है आस लगाये,
साईं आने वाले है,
हम बाबा वाले हैं,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
भूख लगे न प्यास लगे जब,
हम शिरडी में जायें,
सबके मन में यही है इच्छा,
साईं के दर्शन पायें,
साईं पालने वाले है,
हम बाबा वाले हैं,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
कितनों के दिल में है तमन्ना,
शिरडी करें गुणगान,
हम सब भी हैं तेरे भिखारी,
सुन लो मेरी फ़रियाद,
हम गाने वाले हैं,
भजन तेरे गाने वाले हैं,
हम बाबा वाले हैं,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
सारी दुनिया में हम लोगों,
के अंदाज़ निराले हैं,
हम बाबा वाले है,
सुनो जी हम बाबा वाले हैं।।
गायक – हमसर हयात निज़ामी।
संकलनकर्ता : राज कुमार टाँक,
बुखारा, बिजनौर ।
