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- – गीत में ब्रजवासी अपने घर लौटने की बात कर रहे हैं और मुंबई के निवासियों से खुश रहने की कामना कर रहे हैं।
- – वे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हैं और आत्मा की भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं।
- – गीत में प्यार और यादों की गहराई को दर्शाया गया है, जो घर लौटने पर और भी प्रबल होती है।
- – ब्रजवासियों की अपनी जड़ों और घर के प्रति गहरी भावना स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई है।
- – देवी हेमलता जी शास्त्री ने इस गीत को स्वरबद्ध किया है, जो भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

मुंबई नगर के वासी सदा खुश रहना,
गलती हुई जो हमसे माफ़ कर देना,
आत्मा की बात तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
छूटे नहीं ये प्यार तुम्हारा,
दुआ है प्रभु जी से बुलाना दोबारा,
मानो सही तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
याद तुम्हारी हमको घर आएगी,
प्यार मिला था कितना तरसाएगी,
आत्मा की बात तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
मुंबई नगर के वासी सदा खुश रहना,
गलती हुई जो हमसे माफ़ कर देना,
आत्मा की बात तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
स्वर – देवी हेमलता जी शास्त्री।
https://www.youtube.com/watch?v=as1UVovao-U
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
