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हम राम जी के, राम जी हमारे हैं: भजन (Hum Ram Ji Ke Ram Ji Hamare Hain)

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हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।

मेरे नयनो के तारे है ।
सारे जग के रखवाले है ।

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।

एक भरोसो एक बल,
एक आस विश्वास ।
एक राम घनश्याम हित,
जातक तुलसी दास ।

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।

जो लाखो पापियों को तारे है ।
जो अधमन को उद्धारे है ।
हम उनकी शरण पधारे है ।

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।

शरणागत आर्त निवारे है ।
हम इनके सदा सहारे है ।

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।

गणिका और गिद्ध उद्धारे है ।
हम खड़े उन्हीके के द्वारे है ।

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं।

भजन: हम राम जी के, राम जी हमारे हैं (गहन अर्थ विश्लेषण)

भजन “हम राम जी के, राम जी हमारे हैं” भगवान राम के प्रति एक भक्त के अनन्य प्रेम, श्रद्धा और विश्वास का गहरा वर्णन करता है। इसे गहराई से समझने के लिए, हर पंक्ति और शब्द को आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और भक्ति-परक दृष्टिकोण से विश्लेषित करते हैं।


हम राम जी के, राम जी हमारे हैं

यह वाक्य जीवन और आध्यात्मिकता का मूल तत्व प्रस्तुत करता है। “हम राम जी के” का अर्थ है कि हमारा अस्तित्व और चेतना भगवान राम से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। यहाँ भक्त अपने अहंकार को त्यागकर राम के प्रति पूर्ण समर्पण प्रकट करता है।
“राम जी हमारे हैं” इस सत्य को प्रकट करता है कि भगवान अपने भक्तों के प्रति सदा करुणामय रहते हैं। भक्त-भगवान का यह संबंध गीता के “अहम् त्वा सर्व पापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः” (भगवान का अपने भक्त को हर परिस्थिति में संरक्षण का वचन) की भावना को उजागर करता है।

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आध्यात्मिक संदेश: यह पंक्ति बताती है कि जीवन में सुरक्षा, शक्ति और शांति के लिए केवल भगवान राम का सहारा ही पर्याप्त है।


मेरे नयनों के तारे हैं

“नयनों के तारे” प्रतीकात्मक है, जो यह दर्शाता है कि भगवान राम भक्त की चेतना के केंद्र हैं। भक्त के लिए भगवान की उपस्थिति उतनी ही महत्वपूर्ण और सुंदर है जितनी रात्रि में आकाश में तारों की चमक।
यह पंक्ति एक भक्त के जीवन में भगवान के महत्व को दर्शाती है। भगवान राम भक्त को न केवल प्रेरणा देते हैं बल्कि उसे अंधकार से प्रकाश की ओर भी ले जाते हैं।

प्रेरणादायक दृष्टि: यह पंक्ति इस बात पर जोर देती है कि भक्त के लिए भगवान उसकी दृष्टि, सोच और हर निर्णय का आधार हैं।


सारे जग के रखवाले हैं

इस पंक्ति में भगवान राम की व्यापकता और सर्वशक्तिमान स्वरूप का वर्णन है। यह बताता है कि राम केवल भक्त के व्यक्तिगत रक्षक नहीं हैं, बल्कि पूरी सृष्टि के पालनकर्ता हैं।
रामायण में “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई” से यह पुष्टि होती है कि भगवान राम ने अपनी प्रजा और उनके धर्म की रक्षा के लिए हमेशा वचन निभाए।

आध्यात्मिक निष्कर्ष: रामजी की महिमा उनके सार्वभौमिक रूप में व्यक्त होती है। यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि भगवान के प्रति समर्पण का अर्थ है अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहना।


एक भरोसो, एक बल, एक आस, विश्वास

यह पंक्ति भगवान राम के प्रति भक्त के आत्मसमर्पण की गहराई को प्रकट करती है।

  • भरोसा: रामजी पर विश्वास यह सिखाता है कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थितियाँ हों, रामजी के प्रति श्रद्धा हमें उनका संरक्षण प्रदान करती है।
  • बल: रामजी को आत्मिक और मानसिक शक्ति का स्रोत मानना हमें प्रेरित करता है कि हम संघर्षों में डटे रहें।
  • आस: यह बताता है कि जब हर ओर निराशा हो, भगवान ही हमारी उम्मीद बने रहते हैं।
  • विश्वास: जीवन की हर कठिनाई को पार करने के लिए रामजी में अटूट विश्वास ही सच्चा साधन है।

व्यक्तिगत विकास: यह पंक्ति भक्ति के साथ-साथ एक व्यावहारिक जीवन दर्शन प्रस्तुत करती है। रामजी पर भरोसा रखने का अर्थ है आत्मबल और सकारात्मकता को बनाए रखना।


एक राम घनश्याम हित, जातक तुलसी दास

यहाँ तुलसीदास जी की गहरी भक्ति का संदर्भ मिलता है। तुलसीदास ने श्रीराम को अपना सर्वस्व माना और जीवन भर उनके चरणों में समर्पित रहे।
“घनश्याम” राम का एक विशेषण है, जो उनकी सुंदरता और आभा को दर्शाता है। तुलसीदास जी के लिए राम केवल एक देवता नहीं, बल्कि उनके आराध्य मित्र और स्वामी भी हैं।

प्रेरणा: यह पंक्ति हमें तुलसीदास जैसे महान भक्तों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह संदेश देती है कि भगवान राम को अपना हितैषी मानकर हमें निस्वार्थ भाव से उनकी भक्ति करनी चाहिए।

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जो लाखों पापियों को तारे हैं

रामायण में शबरी और अहल्या जैसे पात्रों के उद्धार का वर्णन आता है। भगवान राम ने शबरी को केवल उनकी सच्ची भक्ति के कारण आशीर्वाद दिया। अहल्या को उन्होंने उनके तप और पश्चाताप के कारण पुनर्जीवित किया।
यह पंक्ति दर्शाती है कि भगवान राम पापियों के लिए भी आशा का स्रोत हैं। जो उनके चरणों में समर्पित होते हैं, उन्हें वे कभी निराश नहीं करते।

शिक्षा: यह पंक्ति बताती है कि किसी व्यक्ति का अतीत कितना भी कलुषित क्यों न हो, सच्चे हृदय से रामजी की शरण में आने पर उसे मुक्ति मिल सकती है।


जो अधमन को उद्धारे हैं

यहाँ “अधमन” शब्द उन लोगों के लिए उपयोग किया गया है जो समाज द्वारा तिरस्कृत और हाशिए पर हैं। भगवान राम का चरित्र इस बात का प्रमाण है कि वे सभी प्राणियों को समान दृष्टि से देखते हैं।
रामायण में निषादराज और शबरी की कथाएँ बताती हैं कि भगवान राम के लिए भक्त की जाति, स्थिति या सामाजिक स्थिति का कोई महत्व नहीं है।

आधुनिक संदर्भ: यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि हमें भी भगवान राम के समान करुणा और समता का भाव रखना चाहिए।


हम उनकी शरण पधारे हैं

यह पंक्ति शरणागति (पूर्ण समर्पण) का महत्व दर्शाती है। शरणागति का अर्थ है कि भक्त अपने अहंकार, भय और संदेह को त्यागकर भगवान के चरणों में समर्पित हो जाता है।
यहाँ भक्त कहता है कि उसने अपने सभी कष्टों, पापों और चिंताओं को भगवान राम के चरणों में अर्पित कर दिया है। यह समर्पण भक्त और भगवान के बीच के गहरे संबंध को प्रकट करता है।

आध्यात्मिक संदेश: शरणागत होने का अर्थ है कि भक्त ने अपने जीवन के सभी निर्णय और नियंत्रण भगवान पर छोड़ दिए हैं। यह आत्मसमर्पण शांति और मुक्ति का मार्ग बनता है।


शरणागत आर्त निवारे हैं

“शरणागत” का अर्थ है जो भगवान की शरण में आए। “आर्त निवारे” का अर्थ है कि भगवान राम उनके सभी दुखों और परेशानियों को दूर करते हैं।
रामायण में हनुमानजी और विभीषण के उदाहरण इस बात का प्रमाण हैं। हनुमानजी ने अपनी सारी शक्ति और अस्तित्व रामजी को समर्पित कर दिया, और विभीषण ने लंका के सिंहासन को त्यागकर रामजी की शरण ली। परिणामस्वरूप, दोनों को भगवान राम की कृपा प्राप्त हुई।

जीवन में उपयोगिता: यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि भगवान राम उन सभी की सहायता करते हैं जो सच्चे दिल से उनके पास आते हैं। यह भक्त के जीवन में विश्वास और सुरक्षा का भाव लाती है।

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हम इनके सदा सहारे हैं

यह पंक्ति एक भक्त के निर्भय और संतुलित जीवन का प्रतीक है। भक्त कहता है कि भगवान राम ही उसके जीवन का आधार और सहारा हैं।
“सहारे” का अर्थ केवल भौतिक मदद नहीं है, बल्कि आत्मिक और मानसिक समर्थन भी है। भगवान राम के सहारे से भक्त जीवन के सभी उतार-चढ़ावों का सामना कर सकता है।

आध्यात्मिक संदेश: यह पंक्ति यह सिखाती है कि जब व्यक्ति भगवान राम के प्रति समर्पित होता है, तब उसे किसी अन्य सहायता की आवश्यकता नहीं होती।


गणिका और गिद्ध उद्धारे हैं

यहाँ दो महत्वपूर्ण पात्रों का उल्लेख किया गया है:

  1. गणिका: गणिका (पिंगला) जैसी सामाजिक रूप से तिरस्कृत स्त्रियों का उद्धार भगवान राम के नाम जपने से हुआ। यह उदाहरण दर्शाता है कि भगवान राम केवल सामाजिक स्थिति नहीं, बल्कि हृदय की शुद्धता को देखते हैं।
  2. गिद्ध: यह रामायण के महान पात्र जटायु का संदर्भ है। जटायु ने सीता माता को रावण से बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए। भगवान राम ने जटायु को गले लगाकर उसे मोक्ष प्रदान किया।

संदेश: यह पंक्ति यह बताती है कि भगवान राम का प्रेम और करुणा सभी के लिए समान है। चाहे कोई पशु हो या मनुष्य, भगवान उनके कष्ट को समाप्त करने में सक्षम हैं।


हम खड़े उन्हीं के द्वारे हैं

यह पंक्ति एक प्रतीकात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। “राम के द्वार पर खड़े होने” का अर्थ है कि भक्त रामजी की कृपा की प्रतीक्षा कर रहा है।
रामायण में शबरी की कथा इसका एक सटीक उदाहरण है। शबरी ने वर्षों तक रामजी के आगमन की प्रतीक्षा की और उनके लिए अपने हृदय में प्रेम और भक्ति बनाए रखी।

भक्ति का महत्व: यह पंक्ति हमें सिखाती है कि भगवान राम की कृपा प्राप्त करने के लिए धैर्य और समर्पण का होना आवश्यक है।


भजन का गूढ़ संदेश

इस भजन की हर पंक्ति यह सिखाती है कि भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति हमें जीवन के हर कष्ट से मुक्ति दिला सकती है।
यह भजन हमें निम्नलिखित आध्यात्मिक और व्यावहारिक संदेश देता है:

  1. शरणागति का महत्व: भगवान राम पर पूर्ण विश्वास और समर्पण से ही शांति और मोक्ष संभव है।
  2. सर्वसमावेशिता: रामजी की कृपा सभी प्राणियों पर समान रूप से होती है।
  3. आत्मिक शक्ति: रामजी पर विश्वास हमें हर प्रकार की मानसिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करता है।
  4. धैर्य और प्रेम: रामजी की कृपा प्राप्त करने के लिए धैर्य और प्रेम का होना आवश्यक है।

इस भजन के माध्यम से भक्ति मार्ग की सुंदरता और प्रभावशीलता स्पष्ट होती है। यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन को रामजी के चरणों में समर्पित करें और सच्ची भक्ति के मार्ग पर चलें।

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