- – यह गीत बालाजी भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा को दर्शाता है, जो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
- – कलयुग में बालाजी की पूजा और भक्ति का महत्व बढ़ गया है, जो भाव से ध्याने पर तुरंत फल देते हैं।
- – भक्तों को दुनिया की मस्ती में बाबा को नहीं भूलना चाहिए और सच्चे मन से उनकी आराधना करनी चाहिए।
- – बाबा के मेले में जाना और भक्ति करना आनंद और अमृत के समान अनुभव प्रदान करता है।
- – जो व्यक्ति बालाजी के प्रति सच्चा और श्रद्धालु होता है, उसके जीवन में कभी कमी या बाधा नहीं आती।
- – गीत में बार-बार “जाके सिर पर हाथ, म्हारा बालाजी को होवे है” का अर्थ है जो बालाजी के आशीर्वाद से धन्य है, उसे कोई नुकसान नहीं होता।

जाके सिर पर हाथ,
म्हारा बालाजी को होवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ।।
तर्ज – एक तेरा साथ हमको।
कलयुग में बाबा का,
घर घर बजे डंका,
बड़े बलकारी है,
जो भाव से ध्यावे,
पल भर में आ जावे,
करे ना देरी है,
जाका जैसा भाव,
बाबो वैसे ही फल देवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ,
म्हारा बालाजी को होवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ।।
दुनिया की मस्ती में,
मत भूल बाबा ने,
यो ही तेरे काम को,
जईया मनावोला,
यो मान जावेगो,
भुको है भाव को,
भक्ता रो परिवार,
यो तो ताण के खुटी सोवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ,
म्हारा बालाजी को होवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ।।
एक बार जावोगा,
हर बार जावोगा,
बाबा के मेले में,
आंनद ही आंनद,
अमृत की हो बिरखा,
बाबा के मेले में,
लेकर याको नाम जो भी ,
पैदल याके जावे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ,
म्हारा बालाजी को होवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ।।
जाके सिर पर हाथ,
म्हारा बालाजी को होवे है,
वाको बाल ना बाको होवे है ,
जाकें सिर पर हाथ।।
स्वर – राजीव ( जयपुर )
