जब मन मेरा घबराए,
कोई राह नज़र ना आये,
ये हाथ पकड़ कर मेरा,
मुझे मंज़िल तक ले जाये,
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला हैं ॥
कोई भी पास नहीं था,
तब ये ही साथ खड़ा था
मुझ दीन हीन कि खातिर,
दीनो का नाथ लड़ा था,
मेरे सिर पे हाथ फिराया,
मुझे अपने गले लगाया,
मैं हर दम साथ हूँ तेरे,
मुझको एहसास कराया,
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला हैं ॥
दर्दो को सहते सहते,
कितना मैं टूट गया था,
रो रो कर इन आँखों का,
हर आंसू सूख गया था,
मेरे श्याम ने मुझे निहारा,
दुःख मेट दिया है सारा,
अब इसके भरोसे छोड़ा,
मैंने ये जीवन सारा,
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला हैं ॥
मेरे मन के उपवन का,
मेरा श्याम बना है माली,
इनकी शीतल छाया में,
महकी हैं डाली डाली,
‘आनंद’ का फूल खिलाया,
जीवन मधुबन है बनाया,
अपनी किरपा का अमृत,
मुझ पर है खूब लुटाया,
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला हैं ॥
अंतिम अरदास यही है,
मेरे श्याम का ही हो जाऊं,
गोदी में श्याम प्रभु की,
मैं सर रख कर सो जाऊं,
मुझे देख श्याम मुस्काये,
मेरी रूह चैन तब पाए,
फिर ‘तरूण’ श्याम मस्ती में,
लेकर इकतारा गाये,
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला हैं ॥
जब मन मेरा घबराए,
कोई राह नज़र न आये,
ये हाथ पकड़ कर मेरा,
मुझे मंज़िल तक ले जाये,
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला हैं ॥
जब जब मन मेरा घबराए – भजन का गहन विश्लेषण और अर्थ
यह भजन एक साधक की उस अवस्था को दर्शाता है, जब वह जीवन के संघर्षों से टूटकर पूरी तरह से ईश्वर पर निर्भर हो जाता है। हर पंक्ति न केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति है, बल्कि गहरे आध्यात्मिक सत्य और ईश्वर से एक व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक है। इस गहन अर्थ को समझने के लिए प्रत्येक पंक्ति के भीतर छिपे रहस्यों को उजागर करना आवश्यक है।
जब मन मेरा घबराए
जब मन मेरा घबराए,
कोई राह नज़र ना आये,
ये हाथ पकड़ कर मेरा,
मुझे मंज़िल तक ले जाये।
गहराई से व्याख्या:
यहां “मन घबराना” जीवन की कठिनाइयों के दौरान मनुष्य के मानसिक संघर्ष और अनिश्चितता को इंगित करता है।
- ‘राह नज़र ना आये’ का अर्थ है कि जब हमें किसी समस्या का समाधान नहीं दिखता और हम अपने निर्णयों पर संदेह करने लगते हैं। यह मनुष्य की उस अवस्था को दर्शाता है जब वह भ्रमित और असहाय महसूस करता है।
- ‘हाथ पकड़ कर मंज़िल तक ले जाना’ यह दर्शाता है कि ईश्वर न केवल मार्गदर्शन करते हैं बल्कि कठिन समय में हमें सहारा देकर लक्ष्य तक पहुंचाते हैं।
आध्यात्मिक संदेश:
यह पंक्ति हमें सिखाती है कि मनुष्य को अपने घबराए हुए मन को शांत करने के लिए ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए। “हाथ पकड़ना” एक गहरे विश्वास का प्रतीक है, जो ईश्वर और भक्त के बीच की निकटता को उजागर करता है।
बाबा मेरा रखवाला है
ये बाबा तो मेरा रखवाला है,
मुझे पल पल संभाला है।
गहराई से व्याख्या:
यह पंक्ति ईश्वर के हर क्षण उपस्थित रहने और जीवन की हर छोटी-बड़ी परिस्थिति में सहायक बनने का वर्णन करती है।
- ‘रखवाला’ का अर्थ केवल सुरक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन करना और हमारी गलतियों को सुधारना भी है।
- ‘पल पल संभाला’ का मतलब यह है कि प्रभु न केवल हमारे शारीरिक कष्टों से हमें बचाते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी हमारी रक्षा करते हैं।
आध्यात्मिक संदेश:
यह पंक्ति इस बात को रेखांकित करती है कि भगवान केवल तब सहायता नहीं करते जब हम उनकी पूजा करें, बल्कि वे सदैव हमारा ध्यान रखते हैं, भले ही हम उनके प्रति जागरूक न हों।
अकेलेपन में भी प्रभु का साथ
कोई भी पास नहीं था,
तब ये ही साथ खड़ा था।
मुझ दीन हीन की खातिर,
दीनो का नाथ लड़ा था।
गहराई से व्याख्या:
यहाँ कवि अपने अकेलेपन और विपत्तियों का उल्लेख करता है, जहाँ उसे संसार ने त्याग दिया था।
- ‘दीन हीन’ का अर्थ है पूरी तरह से असहाय स्थिति, जब जीवन में कोई सहायता का साधन नहीं रहता।
- ‘दीनो का नाथ लड़ा था’ यह दर्शाता है कि प्रभु ने कमजोर और असहाय भक्त के लिए वह कार्य किया, जो कोई अन्य नहीं कर सकता।
आध्यात्मिक संदेश:
यह पंक्तियाँ हमें यह सिखाती हैं कि ईश्वर उन लोगों का साथ देते हैं जो स्वयं की मदद करने में असमर्थ होते हैं। यह “अनुकंपा” (करुणा) का प्रतीक है, जहाँ ईश्वर हर जीव के रक्षक बनते हैं।
प्रभु का स्नेह और अपनापन
मेरे सिर पे हाथ फिराया,
मुझे अपने गले लगाया।
मैं हर दम साथ हूँ तेरे,
मुझको एहसास कराया।
गहराई से व्याख्या:
यह पंक्ति ईश्वर के वात्सल्य (माता-पिता जैसा प्रेम) और उनकी उपस्थिति की स्पष्टता का वर्णन करती है।
- ‘सिर पे हाथ फिराना’ यह दर्शाता है कि ईश्वर का सान्निध्य और उनका स्नेह हमारे जीवन के हर दुःख को समाप्त कर सकता है।
- ‘गले लगाना’ से तात्पर्य है कि प्रभु अपने भक्त को संपूर्णता का अनुभव कराते हैं। यह आत्मिक शांति का प्रतीक है।
आध्यात्मिक संदेश:
यह पंक्ति बताती है कि ईश्वर का प्रेम न केवल हमें सुरक्षा देता है बल्कि हमें यह महसूस कराता है कि हम अकेले नहीं हैं।
दुखों का अंत और सुख का आरंभ
दर्दो को सहते सहते,
कितना मैं टूट गया था।
रो रो कर इन आँखों का,
हर आँसू सूख गया था।
गहराई से व्याख्या:
यहाँ भक्त के दुःख और मानसिक क्लेश का वर्णन किया गया है।
- ‘दर्दो को सहते सहते’ जीवन के उन अनुभवों की ओर संकेत करता है जहाँ भक्त अपने ही संघर्षों से हार चुका था।
- ‘हर आँसू सूख गया था’ यह बताता है कि मनुष्य की अपनी शक्ति जब पूरी तरह समाप्त हो जाती है, तब ही वह ईश्वर का सहारा लेता है।
आध्यात्मिक संदेश:
यह बताता है कि हमारे सभी संघर्ष और आँसू ईश्वर की कृपा से ही समाप्त हो सकते हैं। जब हम अपनी सीमाओं को स्वीकार कर लेते हैं, तभी ईश्वर की कृपा हमें सुकून देती है।
जीवन का माली बना प्रभु
मेरे मन के उपवन का,
मेरा श्याम बना है माली।
इनकी शीतल छाया में,
महकी हैं डाली डाली।
गहराई से व्याख्या:
यहाँ भगवान को मन के बगीचे का माली कहा गया है।
- ‘मन के उपवन’ का अर्थ है हृदय और आत्मा, जो केवल ईश्वर के सान्निध्य में ही खिल सकती है।
- ‘शीतल छाया’ यह दर्शाती है कि प्रभु का मार्गदर्शन हमें मानसिक और भावनात्मक शांति प्रदान करता है।
आध्यात्मिक संदेश:
भगवान केवल हमारे जीवन को सुंदर बनाते हैं, वे इसे शांति और संतोष से भर देते हैं। उनके बिना हमारा मन केवल बंजर भूमि जैसा है।
अंतिम समर्पण और मोक्ष की कामना
अंतिम अरदास यही है,
मेरे श्याम का ही हो जाऊं।
गोदी में श्याम प्रभु की,
मैं सर रख कर सो जाऊं।
गहराई से व्याख्या:
यहाँ भक्त अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त करता है।
- ‘श्याम का ही हो जाऊं’ का अर्थ है आत्मा का पूर्ण समर्पण।
- ‘गोदी में सर रख कर सो जाना’ यह मोक्ष और प्रभु के चरणों में पूर्ण विश्राम का प्रतीक है।
आध्यात्मिक संदेश:
यह पंक्ति सिखाती है कि जीवन का अंतिम लक्ष्य ईश्वर की शरण में जाना है। आत्मा का पूर्ण समर्पण ही वास्तविक शांति है।
निष्कर्ष
यह भजन न केवल एक भावुक अभिव्यक्ति है, बल्कि यह जीवन के उन गहरे सत्यों को उजागर करता है, जहाँ इंसान का मन केवल ईश्वर के प्रेम और कृपा से ही शांति पा सकता है। यह हमें सिखाता है कि हर परिस्थिति में प्रभु पर भरोसा रखना ही सबसे बड़ा सहारा है।