- – यह कविता माँ के प्रति गहरे प्रेम और आभार को व्यक्त करती है, जो हर मुश्किल समय में साथ देती है।
- – माँ को जीवन का अभिमान और प्राण बताया गया है, जो हर समस्या को आसान बना देती है।
- – कविता में माँ की ममता और सहारा पाने की भावना को उजागर किया गया है, जब कोई और साथ नहीं देता।
- – अंधकार, तूफान और कठिनाइयों के बीच माँ का साथ जीवन में आशा और सुरक्षा का प्रतीक है।
- – यह रचना मायंक सोनी द्वारा लिखी और प्रस्तुत की गई है, जो बीकानेर से हैं।

जब कोई साथ ना देता,
जब कोई रस्ता ना मिलता,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ,
ना कोई है ना कोई था,
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ।।
तर्ज – जब कोई बात बिगड़ जाए।
हो घनी अंधियारी रात,
या हो तूफां बरसात,
तूने दिया है मेरा साथ,
ना छोड़ा मेरा हाथ,
जब कोईं साथ ना देता,
जब कोई रस्ता ना मिलता,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ।।
जब मन मेरा घबराए,
हर ओर अंधेरा छाए,
तू पास मेरे आ जाए,
मुझे अपने गले लगाए,
जब कोईं साथ ना देता,
जब कोई रस्ता ना मिलता,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ।।
तू जीवन और तू प्राण,
तू ही मेरा अभिमान,
तू पल में कर देती है,
हर मुश्किल को आसान,
जब कोईं साथ ना देता,
जब कोई रस्ता ना मिलता,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ।।
जब कोई साथ ना देता,
जब कोई रस्ता ना मिलता,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ,
ना कोई है ना कोई था,
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा,
तुम देती मेरा साथ ओ मेरी माँ।।
Singer / Lyrics / Upload
Mayank Soni – Bikaner
9414324964
