- – यह भजन भगवान के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाता है, जिसमें भक्त अपने सुख-दुख लेकर भगवान के दर पर आता है।
- – भजन में भगवान की उपस्थिति को फूलों और पत्तों की खुशबू से जोड़कर उनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
- – भक्त अपने मन की विनम्रता और समर्पण व्यक्त करता है, यह मानते हुए कि वह और भगवान एक-दूसरे के हैं।
- – भजन में भगवान से संवाद और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की गहरी इच्छा प्रकट होती है।
- – यह भजन श्रद्धालुओं को भगवान के प्रति अपनी भक्ति और यादों को जीवित रखने की प्रेरणा देता है।

जब याद तुम्हारी आती है,
मैं तेरे दर पर आता हूँ,
अपने सुख दुख को हे ठाकुर,
मैं रो रो तुम्हे सुनाता हूँ,
जब याद तुम्हारी आती हैं,
मैं तेरे दर पर आता हूँ।।
फुलो में तुम्हारी खुशबु है,
पत्तो में तुम्हारी हस्ती है,
पर फूल नही है पास मेरे,
दो नयन चढ़ाने आया हूँ,
जब याद तुम्हारी आती हैं,
मैं तेरे दर पर आता हूँ।।
तुम मेरे हो मैं तेरा हूँ,
बस और नही कुछ याद मुझे,
यह ध्यान सदा मेरे मन में रहे,
यह विनय सुनाने आया हूँ,
जब याद तुम्हारी आती हैं,
मैं तेरे दर पर आता हूँ।।
तुम मेरे प्यारे साँवरिया,
मेरा तुमसे हमेशा नाता है,
नही और कोई मेरी सुनता है,
मैं तुम्हे सुनाने आया हूँ,
जब याद तुम्हारी आती हैं,
मैं तेरे दर पर आता हूँ।।
जब याद तुम्हारी आती है,
मैं तेरे दर पर आता हूँ,
अपने सुख दुख को हे ठाकुर,
मैं रो रो तुम्हे सुनाता हूँ,
जब याद तुम्हारी आती हैं,
मैं तेरे दर पर आता हूँ।।
Singer : Devi Chitralekha Ji
भजन प्रेषक – पवन शर्मा
9694768800
