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- – यह गीत माँ जानकी (सीता) के जल भरने के अवसर पर लिखा गया है, जो उनकी माँ के रूप में महत्ता को दर्शाता है।
- – गीत में जानकी की सुंदरता और उनकी सजावट जैसे सोने की गगरी, रूपा की कुंजरी, और रेशम की लेर का उल्लेख है।
- – जानकी को दशरथ की बहू, जनक की बेटी और राम की नार के रूप में पहचाना गया है।
- – पाँच भगत उनके गुणों की स्तुति करते हैं और उनके चरणों में शीश नवाते हैं।
- – यह गीत माँ जानकी की पवित्रता, मातृत्व और धार्मिक महत्व को उजागर करता है।

जल भरन जानकी आई हो,
मोरी केवल माँ।।
काहे की गगरी काहे की कुंजरी,
काहे की लेर लगाई हो,
मोरी केवल माँ,
जल भरन जानकी आई हो,
मोरी केवल माँ।।
सोने की गगरी रूपा की कुंजरी,
रेशम की लेर लगाई हो,
मोरी केवल माँ,
जल भरन जानकी आई हों,
मोरी केवल माँ।।
कौना की बहुआ कौना की बेटी,
कौना की नार कहाई हो,
मोरी केवल माँ,
जल भरन जानकी आई हों,
मोरी केवल माँ।।
दशरथ बहुआ जनक की बेटी,
राम की नार कहाई हो,
मोरी केवल माँ,
जल भरन जानकी आई हों,
मोरी केवल माँ।।
पांच भगत माई तोरे जस गावे,
रहे चरण चित लाई हो,
मोरी केवल माँ,
जल भरन जानकी आई हों,
मोरी केवल माँ।।
जल भरन जानकी आई हो,
मोरी केवल माँ।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
