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जानकी माता आरती in Hindi/Sanskrit

आरती कीजै श्रीजनक लली की।
राममधुपमन कमल कली की॥

आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥

रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी।
अन्तर साँवर बाहर गोरी।
सकल सुमन्गल सुफल फली की॥

आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥

पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी,
पीय प्रेम रस-राशि किशोरी।
पिय मन गति विश्राम थली की॥

आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥

रूप-रास गुननिधि जग स्वामिनि,
प्रेम प्रवीन राम अभिरामिनि।
सरबस धन हरिचन्द अली की॥

Janaki Mata Aarti in English

Aarti kije Shri Janak Lali ki.
Ram madhup man kamal kali ki.

Aarti kije Shri Janak Lali ki…

Ramchandra, mukhchandra chakori.
Antar sanvar bahar gori.
Sakal sumangal suphal phali ki.

Aarti kije Shri Janak Lali ki…

Piya drigmrug jug-bandhan dori,
Piya prem ras-rashi Kishori.
Piya man gati vishram thali ki.

Aarti kije Shri Janak Lali ki…

Roop-ras gun nidhi jag swamini,
Prem praveen Ram Abhiramini.
Sarbas dhan Harichand Ali ki.

जानकी माता आरती PDF Download

जानकी माता आरती का अर्थ

“जानकी माता आरती” माता सीता, जिन्हें श्री जानकी या श्री जनक लली भी कहा जाता है, के लिए की जाने वाली आरती है। इस आरती में श्री राम की पत्नी माता सीता के गुणों, रूप और उनके प्रति श्री राम के प्रेम का वर्णन किया गया है। यह आरती भक्ति और श्रद्धा भाव को जागृत करती है और भक्तों के हृदय को शांति और सुकून प्रदान करती है।

आरती कीजै श्रीजनक लली की

हिंदी अर्थ: श्री जनक की पुत्री माता सीता की आरती कीजिए।

यह आरती माता सीता की महिमा का गुणगान करती है। जनक की पुत्री, जिन्हें जनक लली भी कहा जाता है, की पूजा का आह्वान करती है। यह प्रार्थना उनकी भव्यता और पवित्रता को मान्यता देती है और भक्तों को उन्हें समर्पित होने का संदेश देती है।

राममधुपमन कमल कली की

हिंदी अर्थ: जैसे मधुमक्खी कमल के फूल पर मंडराती है, वैसे ही श्री राम माता सीता के प्रति अनन्य प्रेम और श्रद्धा रखते हैं।

इस पंक्ति में श्री राम के प्रेम को मधुमक्खी के कमल के प्रति आकर्षण की तरह बताया गया है। यहां मधुमक्खी (राम) और कमल (सीता) के प्रतीक का उपयोग किया गया है, जो यह दर्शाता है कि श्री राम को सीता से कितना प्रेम और भक्ति है।

रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी

हिंदी अर्थ: श्री राम चन्द्रमा के समान हैं, और माता सीता चकोरी पक्षी की तरह उनके मुखमंडल की ओर निहारती रहती हैं।

यहाँ राम और सीता के प्रेम और समर्पण का उल्लेख है। सीता को चकोरी पक्षी की भाँति राम के मुखचन्द्र (चन्द्र के समान सुंदर मुख) को निहारते हुए बताया गया है, जो यह दिखाता है कि माता सीता श्री राम के प्रति पूरी तरह से समर्पित और अनुरक्त हैं।

अन्तर साँवर बाहर गोरी

हिंदी अर्थ: माता सीता का आंतरिक रूप साँवला है और बाहरी रूप गोरा है।

इस पंक्ति में सीता माता की आंतरिक और बाहरी सुंदरता का वर्णन किया गया है। अंदर से उनकी सुंदरता गहरी, साँवली और आत्मा की तरह गूढ़ है, जबकि बाहरी रूप गोरा और आकर्षक है। यह सांकेतिक रूप से उनकी संपूर्णता को दर्शाता है, कि वे अंदर और बाहर दोनों से दिव्य हैं।

सकल सुमंगल सुफल फली की

हिंदी अर्थ: माता सीता सभी मंगलमय चीज़ों और शुभ फलों का प्रतीक हैं।

सीता माता को सम्पूर्ण शुभता, मंगल और फलदायिनी के रूप में चित्रित किया गया है। यह पंक्ति बताती है कि जो भी उनके प्रति समर्पित होता है, उसे सभी प्रकार के सौभाग्य और फल प्राप्त होते हैं।

पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी

हिंदी अर्थ: श्री राम की आंखें मृग की भांति हैं, जिनमें माता सीता बंधी हुई हैं।

यहां पर राम के आंखों के मृग जैसे स्वभाव का उल्लेख किया गया है, जिसमें माता सीता प्रेम की डोरी से बंधी हैं। यह पंक्ति राम और सीता के बीच की गहरी आत्मीयता और अटूट प्रेम को दर्शाती है, जो उनके रिश्ते की सुदृढ़ता का प्रतीक है।

पीय प्रेम रस-राशि किशोरी

हिंदी अर्थ: माता सीता किशोरी हैं, जो प्रेम और रस की भंडार हैं।

माता सीता को प्रेम और रस की भंडार कहा गया है, जो प्रेम की सच्ची देवी हैं। “किशोरी” का उल्लेख सीता की नारी शक्ति, उनकी निर्दोषता और प्रेममयी स्वभाव की ओर इशारा करता है।

पिय मन गति विश्राम थली की

हिंदी अर्थ: श्री राम का मन माता सीता में ही विश्राम पाता है।

यह पंक्ति बताती है कि माता सीता के सान्निध्य में श्री राम का मन शांति और सुकून पाता है। सीता माता श्री राम के हृदय की विश्राम स्थली हैं, जो दर्शाता है कि उनके प्रेम की शक्ति श्री राम के मन को संतोष और शांति प्रदान करती है।

रूप-रास गुननिधि जग स्वामिनि

हिंदी अर्थ: माता सीता रूप, सौंदर्य और गुणों की खान हैं और जगत की स्वामिनी हैं।

सीता माता को सभी गुणों, सुंदरता और गुणों का प्रतीक बताया गया है। उन्हें “जग स्वामिनि” कहकर उनके सर्व-सम्पन्न रूप का वर्णन किया गया है, जो दिखाता है कि वे सम्पूर्ण जगत की स्वामिनी और देवी हैं।

प्रेम प्रवीन राम अभिरामिनि

हिंदी अर्थ: माता सीता प्रेम में प्रवीण और श्री राम को अत्यंत प्रिय हैं।

इस पंक्ति में माता सीता के प्रेम की प्रवीणता और उनके श्री राम के प्रति अनन्य प्रेम का वर्णन किया गया है। वे प्रेम में निपुण हैं और श्री राम को अत्यंत प्रिय हैं, जो उनकी आस्था और भक्ति को दर्शाता है।

सरबस धन हरिचन्द अली की

हिंदी अर्थ: माता सीता श्री हरि (राम) के सभी धन और सम्पदा की स्वामिनी हैं।

इस पंक्ति में कहा गया है कि माता सीता श्री राम के सम्पूर्ण धन-सम्पदा की अधिष्ठात्री देवी हैं।

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