- – यह भजन माँ के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाता है, जिसमें माँ को मँगल मूर्ति और जीवन का आधार बताया गया है।
- – भजन में माँ की महिमा का गुणगान करते हुए उनकी जयकार और आशीर्वाद की कामना की गई है।
- – बच्चे माँ को अपना संरक्षक और दया का साया मानते हैं, जो उनके जीवन को सफल बनाता है।
- – भजन में माँ से केवल सांसारिक वस्तुओं की नहीं, बल्कि उनके प्रेम और आशीर्वाद की कामना की गई है।
- – यह भजन जनम जनम के साथ और माँ के प्रति अटूट विश्वास को प्रकट करता है।
- – लेखक श्री शिवनारायण वर्मा द्वारा रचित यह भजन माँ की महिमा और उनके प्रति श्रद्धा को भावपूर्ण रूप से प्रस्तुत करता है।

जनम सफल हो जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा,
दर्श दिखादो आए हम तो,
सुनकर नाम तुम्हारा,
जनम सफल हों जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा।।
तर्ज – जनम जनम का साथ है।
तुम हो मँगल मूर्ती,
शान तुम्हारी न्यारी,
तुमको निशदिन ध्यावे,
माँ ये दुनिया सारी,
चारो तरफ है गूँजे माता,
जय जय कार तुम्हारा,
जनम सफल हों जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा।।
हम बालक है तेरे,
तू है मात हमारी,
आजाओ अब मइया,
करके सिँह सवारी,
दर्श के भूखे बच्चो ने माँ,
तुमको आज पुकारा,
जनम सफल हों जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा।।
न सोना न चाँदी,
न चाहे हम माया,
सर पर रहे हमारे,
तेरी दया का साया,
तुम्ही नदिया तुम्ही कश्ती,
तुम्ही मात किनारा,
जनम सफल हों जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा।।
जनम सफल हो जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा,
दर्श दिखादो आए हम तो,
सुनकर नाम तुम्हारा,
जनम सफल हों जाएगा,
माँ आज हमारा,
माँ आज हमारा।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
