भजन

जनम तेरा बातों ही बीत गयो रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो – Janam Tera Baton Hi Beet Gayo Re Tune Kabhu Na Krishna Kaho – Hinduism FAQ

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now
  • – कविता में जीवन के विभिन्न चरणों का वर्णन है, जिसमें व्यक्ति पाँच वर्ष का भोला बच्चा से लेकर वृद्ध अवस्था तक पहुँचता है।
  • – जीवन में माया, लोभ और आलस्य के कारण व्यक्ति सच्चे आध्यात्मिक मार्ग से भटक जाता है।
  • – कवि बार-बार यह प्रश्न करता है कि व्यक्ति ने कभी “कृष्ण” का स्मरण या नाम नहीं लिया, जो आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है।
  • – जीवन व्यर्थ बीत जाता है यदि व्यक्ति सच्चे ईश्वर या आत्मा की ओर नहीं मुड़ता।
  • – अंत में, कबीर की सीख दी गई है कि संसार के झूठे मोह-माया में फंसकर मनुष्य अपनी असली पहचान भूल जाता है।
  • – यह कविता आध्यात्मिक जागरूकता और ईश्वर की भक्ति की महत्ता को रेखांकित करती है।

Thumbnail for janam-tera-baaton-hi-beet-gayo-lyrics

जनम तेरा बातों ही बीत गयो,
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो।।



पाँच बरस को भोला भाला,
अब तो बीस भयो,

मकर पचीसी माया कारण,
देश विदेश गयो,

पर तूने कबहू ना कृष्ण कहो,
जनम तेरा बातो ही बीत गयो,
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो।।



तीस बरस की अब मति उपजी,
लोभ बढ़े नित नयो,

माया जोड़ी तूने लाख करोड़ी,
पर अजहू न तृप्त भयो,
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो,

जनम तेरा बातो ही बीत गयो,
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो।।



वृद्ध भयो तब आलस उपज्यो,
कफ नित कंठ रह्यो,

साधू संगति कबहू न किन्ही,
बिरथा जनम गयो,

रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो,
जनम तेरा बातो ही बीत गयो,
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो।।



ये संसार मतलब को लोभी,
झूठा ठाठ रच्यो,

कहत कबीर समझ मन मूरख,
तू क्यूँ भूल गयो,

रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो,
जनम तेरा बातों ही बीत गयो,
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो।।

यह भी जानें:  आते है मेरे बाबा दुनिया में रूप धरके भजन लिरिक्स - Aate Hai Mere Baba Duniya Mein Roop Dharke Bhajan Lyrics - Hinduism FAQ

अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like