- – यह कविता लाली के जन्मदिन की खुशी और बधाई का उत्सव मनाती है।
- – वृषभानु और कीर्ति के घर प्रगटी राधे रानी के आगमन से बृज मंडल में उल्लास फैल गया है।
- – रावल गांव में मेले का आयोजन हुआ है, जहां ढोल, नगाड़े, शंख, मृदंग और शहनाई की धुनें गूंज रही हैं।
- – देवलोक के देवगण भी इस खुशी में शामिल होकर राधा की छवि देखने आए हैं और बधाई दे रहे हैं।
- – बरसाने के मान भवन में भीड़ उमड़ी है, जहां श्याम भी मन के भाव से सबको बधाई दे रहे हैं।
- – कविता के रचनाकार घनश्याम मिढ़ा हैं, जो भिवानी, हरियाणा से हैं।

जन्मदिन लाली का आया,
बधाई हो बधाई हो,
ये खुशियां संग है लाया,
बधाई हो बधाई हो।।
वृषभानु और कीर्ति के घर,
प्रगटी राधे रानी,
बृज मंडल में खुशियां छाई,
नगरी हुई दीवानी,
मंगल गान करें सब बोलें,
बधाई हो बधाई हो,
जन्मदीन लाली का आया,
बधाई हो बधाई हो।।
रावल गांव की पावन धरा पे,
मेला लगा है भारी,
लाली का मुख लखने को आए,
ब्रिज के सब नर नारी,
ढोल नगाड़े शंख मृदंग और,
बाज रही शहनाई,
जन्मदीन लाली का आया,
बधाई हो बधाई हो।।
देवलोक के देव गणों में,
आज हैं खुशियां छाई,
राधा की छवि देखने को,
देवों की टोलियां आई,
मैया और बाबा को देवगण,
देते सभी बधाई,
जन्मदीन लाली का आया,
बधाई हो बधाई हो।।
बरसाने के मान भवन में,
भीड़ बड़ी है भारी,
सज-धज कर दर्शन करने को,
आए है नर नारी,
मन के भाव से ‘श्याम’ भी देता,
सबको आज बधाई,
जन्मदीन लाली का आया,
बधाई हो बधाई हो।।
जन्मदिन लाली का आया,
बधाई हो बधाई हो,
ये खुशियां संग है लाया,
बधाई हो बधाई हो।।
स्वर एवं रचना – घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी हरियाणा। संपर्क 9034121523
