- – यह गीत “जाने कितने दिनों के बाद” एक भावनात्मक और श्रद्धापूर्ण गीत है जिसमें सांवरे (प्रेमी या भगवान) से मिलने की खुशी व्यक्त की गई है।
- – गीत में जीवन की कठिनाइयों और टूटे सपनों के बीच सांवरे द्वारा दिया गया सहारा और समर्थन बताया गया है।
- – गीतकार ने अपने सांवरे के प्रति आभार और प्रेम व्यक्त किया है, जो हर मुश्किल समय में साथ खड़ा रहा।
- – यह गीत विश्वास, आशा और प्रेम की भावना को दर्शाता है, जो जीवन में आश्रय और शक्ति का स्रोत बनता है।
- – सोनू राजस्थानी द्वारा लिखा और गाया गया यह गीत दिल को छू लेने वाला है और सुनने वाले को प्रेरणा देता है।

जाने कितने दिनों के बाद,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
मैं तो करता रहूँ फरियाद,
इसी का मुझे आसरा मिला,
जानें कितने दिनो के बाद,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला।।
तर्ज – जाने कितने दिनो के बाद।
टुटा टुटा था मेरे बाबा,
जीवन का हर सपना,
तूने सहारा दिया,
आस जब भी मैंने तुमसे लगाई,
मैं तो कहता फिरूं यही बात,
मैं तो कहता फिरूं यही बात,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
जानें कितने दिनो के बाद,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला।।
मैंने जब भी तुझको पुकारा,
देने आया मुझको सहारा,
भूलूं कैसे तेरा उपकार,
भूलूं कैसे तेरा उपकार,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
जानें कितने दिनो के बाद,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला।।
जाने कितने दिनों के बाद,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
मैं तो करता रहूँ फरियाद,
इसी का मुझे आसरा मिला,
जानें कितने दिनो के बाद,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला,
मुझे तो मेरा सांवरा मिला।।
Singer & Writer – Sonu Rajasthani
