- – गीत में भगवान श्री कृष्ण की गीता को एक जादुई और आध्यात्मिक ग्रंथ के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो मन और चित्त को हराभरा कर देता है।
- – गीता को अनुभव, श्रुति और जुगति का संगम बताया गया है जो युग-युग से मानवता के लिए मार्गदर्शक रही है।
- – जब जीवन में शोक और मोह छा जाते हैं, तब गीता के वचन हृदय को शांति और कल्याण का खजाना प्रदान करते हैं।
- – गीता संतों का जीवन है और इसे गंगा के समान पवित्र, शरणागति का अमृत और विज्ञान, ज्ञान तथा प्रेम का स्रोत माना गया है।
- – पूरे गीत में श्री कृष्ण और उनकी गीता की महिमा का वर्णन है, जो जीवन में प्रेम, ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति का जादू भरती है।

जाने क्या जादू भरा हुआ,
भगवान तुम्हारी गीता में,
मन चमन हमारा हरा हुआ,
घनश्याम तुम्हारी गीता में,
जाने क्या जादू भरा हुआ।।
तर्ज – श्यामा आन बसों वृन्दावन में।
गीता ग्रंथो से न्यारी है,
श्रुति जुगति अनुभवकारी है,
गीता ग्रंथो से न्यारी है,
श्रुति जुगति अनुभवकारी है,
युग युग का अनुभव जुड़ा हुआ,
घनश्याम तुम्हारी गीता में,
जाने क्या जादू भरा हुआ।।
जब शोक मोह से घिर जाते,
तब गीता वचन हृदय लाते,
जब शोक मोह से घिर जाते,
तब गीता वचन हृदय लाते,
कल्याण खजाना भरा हुआ,
श्री कृष्ण तुम्हारी गीता में,
जाने क्या जादू भरा हुआ।।
गीता संतो का जीवन है,
गंगा के सम अति पावन है,
शरणागति अमृत भरा हुआ,
भगवान तुम्हारी गीता में,
विज्ञान ज्ञान रस भरा हुआ,
श्री कृष्ण तुम्हारी गीता में,
हरी प्रेम लबालब भरा हुआ,
घनश्याम तुम्हारी गीता में,
जाने क्या जादू भरा हुआ।।
जाने क्या जादू भरा हुआ,
भगवान तुम्हारी गीता में,
मन चमन हमारा हरा हुआ,
घनश्याम तुम्हारी गीता में,
जाने क्या जादू भरा हुआ।।
स्वर – श्री सत्यनारायण तिवारी।
