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मुख्य बिंदु
- – गीत में भगवान कृष्ण की नटखट और चंचल स्वभाव का वर्णन किया गया है।
- – यशोदा मैय्या की चिंता और प्रेम दिखाया गया है, जो कृष्ण को हर जगह ढूंढती हैं।
- – कृष्ण की शरारतों को देखकर यशोदा मैय्या का प्रेम और ममता और भी गहरी होती है।
- – कृष्ण को सबका प्यार मिलता है और वे सभी के लिए प्रिय हैं।
- – यशोदा मैय्या कृष्ण को अपने दिल में छुपाकर रखना चाहती हैं ताकि कोई उनकी नज़र न लगे।
- – गीत में कृष्ण की मासूमियत और यशोदा की ममता का सुंदर चित्रण है।

भजन के बोल
बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या हाँ॥ बड़ा नटखट है रे…॥
ढूंढें री अखियाँ उसे चहू ओर
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर॥ ढूंढें री अखियाँ…॥
उड़ गया जैसे पुरवय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ
॥ बड़ा नटखट है रे…॥
मेरे जीवन का तू एक ही सपना
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना॥ मेरे जीवन का तू…॥
सब का है प्यार बंसी बजय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ
॥ बड़ा नटखट है रे…॥
आ तोहे मैं गले से लगा लूं
लागे ना किसी की नज़र, मन में छूपा लूं॥ आ तोहे मैं…॥
धूप जगत है रे ममता है छैय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ
॥ बड़ा नटखट है रे…॥
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अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
