- – यह गीत जसोल के धाम और माँ भटियाणी की महिमा का वर्णन करता है।
- – माजीसा के नाम का जयकार लगाते हुए भक्तों को धाम में आने का निमंत्रण दिया गया है।
- – नवरात्रा के दौरान यहाँ मेला भरता है, जिसमें ढोल-नगाड़े की धुन गूंजती है।
- – गीत में माँ भटियाणी की पूजा और उनकी महिमा का गुणगान किया गया है।
- – पिंकी गहलोत द्वारा स्वर और लिरिक्स दिए गए हैं, जो भक्तिमय भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

जसोल में धाम बण्यो है,
माजीसा रो नाम कहयो है,
माजीसा जय हो थारी,
चालो चालो जसोल रे धाम,
बुलावे माँ भटियाणी।।
जय जयकार लगाता, चालो ओ ओ,
माजीसा रा दर्शन पाओ,
ओ अगर चंदन रो देवरो,
थारो ओ अगर चंदन रो देवरो,
थारी शोभा बणी,
चालो चालो जसोल रे धाम,
बुलावे माँ भटियाणी।।
नवरात्रा में मेलो भरीजै ओ ओ,
ढोल नगारा द्वारे बाजे,
थारे द्वारे बाजे,
थारी होवे जय जयकार माँ,
थारी होवे जय जयकार माँ,
थारी महिमा बडी,
चालो चालो जसोल रे धाम,
बुलावे माँ भटियाणी।।
पिंकी थारी महिमा गावे ओ ओ,
राहुल चरना शीश नवावे,
हाँ शीश नवावे,
ओ मोत्या वाली मात जी,
म्हारी मोत्यां वाली मात जी,
करो सबकी भली,
चालो चालो जसोल रे धाम,
बुलावे माँ भटियाणी।।
जसोल में धाम बण्यो है,
माजीसा रो नाम कहयो है,
माजीसा जय हो थारी,
चालो चालो जसोल रे धाम,
बुलावे माँ भटियाणी।।
स्वर & लिरिक्स – पिंकी गहलोत।
Cont. – 9772021065
