- – कर्मों का फल हमेशा मिलता है, जैसा बोओगे वैसा ही पाओगे।
- – माता-पिता की सेवा सबसे बड़ी पूजा है और इसे करने का अवसर किस्मत वालों को मिलता है।
- – माता-पिता की खुशी से ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं और इससे जीवन में सुख-शांति आती है।
- – पूजा-पाठ या तीर्थ यात्रा से अधिक महत्वपूर्ण माता-पिता का सम्मान और सेवा है।
- – जीवन में सुख और दुख कर्मों के अनुसार ही प्राप्त होते हैं, इसलिए सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए।

जो बोएगा वही पाएगा,
तेरा किया आगे आएगा,
सुख दुख है क्या फल कर्मो का,
जैसी करनी वैसी भरनी,
जैसी करनी वैसी भरनी।।
सबसे बड़ी पूजा है,
मात पिता की सेवा,
किस्मत वालो को ही,
मिलता है ये मौका,
हाथ से अपने खो मत देना,
मौका ये खिदमत का,
जन्नत का दर खुल जाएगा,
तेरा किया आगे आएगा,
सुख दुख है क्या फल कर्मो का,
जैसी करनी वैसी भरनी,
जैसी करनी वैसी भरनी।।
चाहे ना पूजे मूरत,
चाहे ना तीरथ जाए,
मात पिता के तन में,
सारे देव समाए,
तू इनका दिल खुश रखे तो,
ईश्वर खुश हो जाए,
भगवान तुझको मिल जाएगा,
तेरा किया आगे आएगा,
सुख दुख है क्या फल कर्मो का,
जैसी करनी वैसी भरनी,
जैसी करनी वैसी भरनी।।
जो बोएगा वही पाएगा,
तेरा किया आगे आएगा,
सुख दुख है क्या फल कर्मो का,
जैसी करनी वैसी भरनी,
जैसी करनी वैसी भरनी।।
गायक – नितिन मुकेश जी।
प्रेषक – रुपचंद जी।
9057152994
