धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now

शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

काक चेष्टा, बको ध्यानं,
स्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥

विद्यार्थी के पांच लक्षण

विद्यार्थी का जीवन सादगी, अनुशासन और समर्पण से भरा होना चाहिए। शास्त्रों में विद्यार्थियों के आदर्श गुणों को एक श्लोक में संक्षेप रूप में वर्णित किया गया है। यह श्लोक विद्यार्थियों को एक प्रेरणा देता है कि कैसे अपने जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

काक चेष्टा

अर्थ: काक यानी कौआ एक ऐसा पक्षी है जो अपनी चेष्टा (प्रयास) में कभी थकता नहीं। वह अपनी आजीविका के लिए हमेशा सतर्क और सजग रहता है। विद्यार्थियों को भी कौए की तरह निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।
स्पष्टिकरण: जैसे कौआ हर छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सतत् प्रयास करता है, उसी प्रकार विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में अथक प्रयास करने चाहिए। कोई भी छोटी या बड़ी रुकावट उनके मार्ग में बाधा नहीं बननी चाहिए।

बको ध्यानं

अर्थ: बक यानी बगुला पानी में मछलियों को पकड़ने के लिए एकाग्र होकर ध्यानमग्न रहता है। जब तक सही अवसर नहीं आता, वह अपनी ऊर्जा बचाकर बैठा रहता है।
स्पष्टिकरण: विद्यार्थियों को भी बगुले की तरह ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पढ़ाई के समय पूरी तरह से एकाग्र होकर ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें अपनी पढ़ाई से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है, और बिना एकाग्रता के अध्ययन निष्फल हो जाता है।

स्वान निद्रा तथैव च

अर्थ: स्वान यानी कुत्ता बहुत हल्की नींद में सोता है और ज़रा सी आहट पर जाग जाता है।
स्पष्टिकरण: विद्यार्थियों को कुत्ते की तरह सतर्क रहना चाहिए, और नींद को सीमित रखना चाहिए। बहुत ज्यादा सोने से पढ़ाई में ध्यान कम होता है। हल्की नींद और सतर्कता से व्यक्ति जागरूक और समय के प्रति सावधान रहता है। विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि नींद का सही संतुलन उन्हें ताजगी और ऊर्जावान बनाए रखता है।

अल्पहारी

अर्थ: इसका मतलब है कम भोजन करने वाला। अधिक भोजन से आलस्य बढ़ता है और मानसिक एकाग्रता में बाधा आती है।
स्पष्टिकरण: विद्यार्थियों को संयमित मात्रा में भोजन करना चाहिए ताकि वे स्वस्थ रहें और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर सकें। पाचन पर अधिक भार डालने से शरीर और मन दोनों पर बुरा असर पड़ता है। संतुलित आहार से ही विद्यार्थी अध्ययन के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहते हैं।

गृहत्यागी

अर्थ: गृहत्यागी का मतलब है अपने घर-परिवार से दूर रहकर अध्ययन में संलग्न रहना।
स्पष्टिकरण: विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के लिए घर-परिवार के मोह से दूर रहना चाहिए। गृहत्याग का मतलब यह नहीं कि उन्हें अपने परिवार को त्याग देना चाहिए, बल्कि उनका ध्यान केवल पढ़ाई पर केंद्रित होना चाहिए। पारिवारिक, सामाजिक या अन्य किसी प्रकार की व्यस्तताओं से खुद को दूर रखना चाहिए ताकि उनका मन भटकने न पाए।

विद्यार्थी पंच लक्षणं

इन पाँच लक्षणों के माध्यम से यह श्लोक विद्यार्थियों को आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता है। एक विद्यार्थी का जीवन अनुशासन, संयम, और एकाग्रता से भरा होना चाहिए।

शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *