- – यह गीत भक्ति और प्रेम की भावना को दर्शाता है, जिसमें भक्त अपने आराध्य से प्रेम और कृपा की प्रार्थना करता है।
- – गीत में जीवन की कठिनाइयों और ठोकरों के बावजूद सच्चे प्रेम और साथ की महत्ता को उजागर किया गया है।
- – “सांवरे” शब्द से भगवान कृष्ण या किसी दिव्य शक्ति का संदर्भ मिलता है, जो संकट में सहारा बनती है।
- – गीत में ईश्वर को सच्चा साथी और प्रेम निभाने वाला बताया गया है, जो झूठी दुनिया में भी विश्वास और सहारा देता है।
- – भावुकता से भरे इस गीत में भक्त की आंखों के आंसू और दया की प्रार्थना का चित्रण है।
- – कुल मिलाकर यह गीत भक्ति, प्रेम, विश्वास और ईश्वर की कृपा की गहराई को व्यक्त करता है।

कबसे खड़ा तेरे द्वार सांवरे,
मुझको भी दे दे थोड़ा प्यार सांवरे,
कबसें खड़ा तेरे द्वार सांवरे।।
तर्ज – चलता रहूं तेरी ओर सांवरे।
सारे जहाँ की बाबा मैंने,
ठोकर जब थी खाई,
किसी ने भी बाबा मेरी,
जब नहीं करि सुनवाई,
मिला मुझको ये सच्चा दरबार सांवरे,
मुझको ये सच्चा दरबार सांवरे,
कबसें खड़ा तेरे द्वार सांवरे।।
हारे का सच्चा साथी तू,
बनके साथ निभाता,
इस झूठी दुनिया में तू ही,
सच्चा प्रेम निभाता,
चाहे बेरी बने ये संसार सांवरे,
बेरी बने ये संसार सांवरे,
कबसें खड़ा तेरे द्वार सांवरे।।
लख कर देता लखदातारी,
नजर करम तू कर दे,
‘साजन’ के सर पर भी बाबा,
हाथ दया का धर दे,
रोये अखियां मेरी जार जार सांवरे,
अखियां मेरी जार जार सांवरे,
कबसें खड़ा तेरे द्वार सांवरे।।
कबसे खड़ा तेरे द्वार सांवरे,
मुझको भी दे दे थोड़ा प्यार सांवरे,
कबसें खड़ा तेरे द्वार सांवरे।।
Singer – KK Sajan
