- – यह गीत भगवान कृष्ण की मुरली की मधुर धुन और उनके प्रेम तथा भक्ति की भावना को दर्शाता है।
- – गोकुल, मधुबन और वृंदावन की सूनी अवस्था का वर्णन है, जहाँ कृष्ण की अनुपस्थिति से सब उदास हैं।
- – कृष्ण से आग्रह किया गया है कि वे जल्दी आकर भक्तों के दुख दूर करें और दुष्टों का नाश करें।
- – भक्तों की रक्षा और संकट से उद्धार के लिए कृष्ण की महिमा का गुणगान किया गया है।
- – राधा और सखियाँ कृष्ण की याद में व्याकुल हैं और उनकी वापसी की प्रार्थना कर रही हैं।
- – गीत में कृष्ण को माखनचोर, मुरली वाले, और जग के पाप मिटाने वाले के रूप में पुकारा गया है।
कब से तेरी बाट निहारे,
कृष्ण कन्हैया नन्द दुलारे,
ओ गीता के गाने वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले।।
सूना गोकुल सूना मधुबन,
सूना सूना है वृन्दावन,
गईया तेरी बिलख रही,
याद में तेरी हे मनमोहन,
आकर इनको धीर बंधाओ,
सखियों के संग रास रचाओ,
माखनचोर कहाने वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले।।
जल्दी आओ कृष्ण मुरारी,
जग में बढ़ रहे अत्याचारी,
अपने स्वारथ के खातिर,
ये करते पाप जगत में भारी,
फिर से चक्र सुदर्शन धारो,
दुष्टो को गिन गिन के मारो,
जग के पाप मिटाने वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले।।
भक्तो को जब दुःख में पाए,
तुम नहीं मोहन देर लगाए,
गज के टेर सुनी तो फ़ौरन,
नंगे पैरो दौड़े आए,
भक्तो को संकट से उबारो,
भव सागर से पार उतारो,
निर्बल को अपनाने वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले।।
याद में तेरी कृष्ण मुरारी,
जोगन बन गई राधा प्यारी,
ढूंढ रही पनघट पर तुमको,
रो रो कर ये सखियाँ सारी,
अब तो ऐ मनमोहन आओ,
राधा जी को ना तड़पाओ,
जग को नाच नचाने वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले।।
कब से तेरी बाट निहारे,
कृष्ण कन्हैया नन्द दुलारे,
ओ गीता के गाने वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले,
मुरली बजा जा मुरली वाले।।
Singer : Lakkha Ji