- – यह गीत माँ के प्रेम और ममता की गहराई को दर्शाता है, जो दिल के दुःख और दर्द को गले लगाकर दूर कर देती है।
- – माँ को दया, करुणा और पवित्रता का संगम बताया गया है, जो गंगा नदी की तरह पवित्र और शुद्ध है।
- – माँ का प्यार अनमोल और अद्वितीय है, जो किसी भी मुसीबत को दूर करने की ताकत रखता है।
- – गीत में बताया गया है कि माँ का प्यार बच्चों के लिए सबसे बड़ा सहारा और सुरक्षा का स्रोत है।
- – ‘सोनू’ नामक पात्र के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि माँ की ममता और प्रीत को समझना और अपनाना चाहिए, क्योंकि माँ तक़दीर भी बदल सकती है।
- – गीत की पुनरावृत्ति से माँ के गले लगाने और तस्वीर से निकलकर मिलने की भावना को जोरदार तरीके से व्यक्त किया गया है।

कहकर तो देख माँ से,
दुःख दर्द तेरे दिल के,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के।।
मेरी माँ ये भोला मन,
दया करुणा का है संगम,
गंगा की तरह है पावन,
ये माँ का प्यार अपनापन,
टल जाएगी मुसीबत,
एक बार माँ से मिल के,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के।।
दुनिया में कही ना देखा,
है माँ का प्यार ऐसा,
तड़प उठता है दिल इसका,
कही पर जो लाल है रोता,
फट जाता है कलेजा,
आँखों से आंसू छलके,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के।।
कहता ‘सोनू’ गर मानो,
कही भटको ना दीवानों,
है जग जननी यही जानो,
तुम इसकी प्रीत पहचानो,
चाहे तो पल में तेरी,
मैया तक़दीर बदल दे,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के।।
कहकर तो देख माँ से,
दुःख दर्द तेरे दिल के,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के,
ये गले से लगा लेगी,
तस्वीर से निकल के।।
स्वर – सौरभ मधुकर।
