- – यह कविता हनुमान जी की महिमा और उनके अद्भुत कारनामों का वर्णन करती है, जैसे सागर पार करना, लंका जलाना, संजीवनी लाना और लक्ष्मण को बचाना।
- – हनुमान जी की भक्ति और शक्ति के कारण राम ने उन्हें अमरत्व और कलयुग का संरक्षक बना दिया।
- – कविता में हनुमान जी की लाल देह, बज्र समान शरीर और दानवों का संहार करने वाले रूप की प्रशंसा की गई है।
- – भक्ति की शक्ति पर जोर देते हुए कहा गया है कि जो सच्चे दिल से राम की भक्ति करता है, वह बिना मांगे भी जीवन में समृद्धि प्राप्त करता है।
- – राम और हनुमान के नाम से कलयुग का उद्धार और संसार का संचालन संभव हुआ है, जो इस कविता का मुख्य संदेश है।

कैसा करिश्मा तूने ये,
हनुमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
श्लोक – लाल देह लाली लसे,
अरू धरि लाल लँगूर,
बज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर।
कैसा करिश्मा तूने ये,
हनुमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
सागर को लांघना तेरा,
लंका को जलाना,
संजीवनी लाना तेरा,
लक्ष्मण को बचाना,
रावण का चूर चूर,
रावण का चूर चूर,
अभिमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
कैसा करिश्मा तुने ये,
हनुमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
रघुवर पे तेरी भक्ति ने,
ऐसा असर किया,
खुद तो हुए अमर ना,
तुझको अमर किया,
तेरे हवाले सारा ये,
तेरे हवाले सारा ये,
संसार कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
कैसा करिश्मा तुने ये,
हनुमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
‘सोनू’ जो सच्चे दिल से,
करता भक्ति राम की
माँगे बिना वो पाता है,
दौलत जहाँन की,
हनुमान ने इस बात को,
हनुमान ने इस बात को,
प्रमाण कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
कैसा करिश्मा तुने ये,
हनुमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
कैसा करिश्मा तूने ये,
हनुमान कर दिया,
राम ने कलयुग,
तुम्हारे नाम कर दिया।।
