- – यह गीत श्याम भगवान से नाराजगी और प्रार्थना की भावनाओं को व्यक्त करता है।
- – गीत में भक्त अपनी गलतियों और कमजोरियों के लिए क्षमा मांग रहा है।
- – भक्त श्याम से दया और करुणा की अपील करता है ताकि उनकी नाराजगी दूर हो।
- – गीत में भक्त की पीड़ा, आंसू और दिल की व्यथा का वर्णन है।
- – गीत की शैली कीर्तनात्मक है, जिसमें भक्त श्याम से मन की बात कह रहा है।
- – गायक गौतम राठौर ने इस भावपूर्ण गीत को प्रस्तुत किया है।

कइयाँ सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी।
दोहा – रिस करो क्यों टाबरा से,
म्हारा श्याम धणी सरकार,
राजी राजी रिझो बाबा,
म्हारी सुन लो करुण पुकार।
कइयाँ सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी,
म्हारो कालजो दुख पावे जी,
कइयां सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी।।
तर्ज – कीर्तन की है रात।
चुपचाप क्यूँ बैठ्या,
कुछ बोलो तो बाबा,
टाबरिया रोवे है,
आंसुड़ा ढलक रया,
थारा सेवकिया इब तो,
प्रभु धीरज खोवे है,
बाबा थारी ही,
बाबा थारी ही,
म्हाने ओल्यू पल पल आवे जी,
म्हारो कालजो दुख पावे जी,
कइयां सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी।।
कमजोर दिल म्हारो,
घायल है बेचारो,
आँसू के छानी है,
म्हे गलती पर गलती,
करता रवां बाबा,
या म्हारी नादानी है,
थारी नाराजी,
थारी नाराजी,
म्हाने भोत ही सतावे जी,
म्हारो कालजो दुख पावे जी,
कइयां सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी।।
राजी रहोला थे,
तो बिगड़ी बन जावे,
दया थोड़ी दिखला द्यो,
‘चोखानी’ संग बैठ्या,
म्हे अरज गुजारा जी,
म्हाने थे अपना ल्यो,
‘गौतम’ भजना सु,
‘गौतम’ भजना सु,
थाने आज रिझावे जी,
म्हारो कालजो दुख पावे जी,
कइयां सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी।।
कइयां सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी,
म्हारो कालजो दुख पावे जी,
कइयां सरसी श्याम,
थारी नाराजी ना भावे जी।।
Singer – Gautam Rathore
