- – यह गीत भगवान कृष्ण (कान्हा, मोहन) की भक्ति में रचा गया है, जिसमें उनकी महिमा और प्रेम का वर्णन है।
- – गीत में माखन मिश्री का भोग, जल जमुना की पूजा, और चन्दन चौकी पर थाल सजाने का उल्लेख है, जो कृष्ण की आराधना के प्रतीक हैं।
- – भक्त भगवान कृष्ण को नटवर गिरधर, नंदकिशोरा, देवकीनंदन, कंसनिकन्दन, अर्जुन सारथी आदि नामों से पुकारते हैं।
- – गीत में कृष्ण के साथ गाएं जल, थल, कण-कण तक उनकी महिमा का गुणगान किया गया है।
- – यह गीत एल्बम “म्हारा सांवरिया गिरधारी” का हिस्सा है, जिसे गायक श्री सम्पत दाधीच ने गाया है और संगीत श्री सतीश देहरा ने दिया है।
- – संपर्क के लिए फोन नंबर +91 98280 65814 प्रदान किया गया है।

कान्हा थारे वास्ते,
मोहन थारे वास्ते।
जन्मा री प्रीत प्यासी,
म्हारी थारे वास्ते,
कान्हा थारे वास्ते,
मोहन थारे वास्ते,
थे हो म्हारा ठाकुर जी,
म्हे चाकर थारे वास्ते,
कान्हा थारे वास्ते,
मोहन थारे वास्ते।।
माखन मिश्री को भोग बन्यो,
जल जमुना लोटे में है भरयो,
एजी थाल सजायौ म्हे तो,
चन्दन चौकी पर धरयो,
करा मनवार थारी,
जीमो म्हारा बनवारी,
आओ म्हारे वास्ते,
आओ म्हारे वास्ते।।
हे बांके बिहारी अर्ज करू,
जद भी थारो म्हे ध्यान धरु,
थारो ही दरस करू म्हे,
जद आंख्या बंद करू,
नटवर गिरधर थे हो नंदकिशोरा,
नटवर गिरधर थे हो नंदकिशोरा,
आओ म्हारे वास्ते,
आओ म्हारे वास्ते।।
हे देवकीनंदन कंसनिकन्दन,
अर्जुन सारथी कालिया मर्दन,
बृजनंदन धन धन थे हो,
गुण गावे जल थल कण कण,
बगल में श्यामल गैया मुकुट पे मोरा,
बगल में श्यामल गैया मुकुट पे मोरा,
आओ म्हारे वास्ते,
आओ म्हारे वास्ते।।
जन्मा री प्रीत प्यासी,
म्हारी थारे वास्ते,
कान्हा थारे वास्ते,
मोहन थारे वास्ते,
थे हो म्हारा ठाकुर जी,
म्हे चाकर थारे वास्ते,
काँन्हा थारे वास्ते,
मोहन थारे वास्ते।।
एल्बम
“म्हारा सांवरिया गिरधारी”
गायक
“श्री सम्पत दाधीच”
संगीत
“श्री सतीश देहरा”
संपर्क
+91 98280 65814
