- – यह भजन भगवान हनुमान की महिमा का गुणगान करता है, जिन्हें महावीर, पवनपुत्र और राम दूत के रूप में पूजा जाता है।
- – हनुमान जी को असुरों का संहारक और संकट मोचन बताया गया है, जो भक्तों के हृदय की पीड़ा दूर करते हैं।
- – भजन में हनुमान जी के ज्ञान, गुण, बल और उनकी भक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला गया है।
- – हनुमान जी ने लंका दहन किया, संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण का प्राण बचाया और श्रीराम के परम भक्त हैं।
- – सभी भक्तों से मिलकर हनुमान जी की वंदना करने का आह्वान किया गया है, जो शक्ति, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं।

करो रे मिलके वंदना,
महावीर हनुमान की।।
राम दूत बल धाम की,
पवन पुत्र वर वान की,
अंजनी के इस लाल की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की।
असुर निकंदन नाथ की,
बलवीरा सिय दास की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की।।
ज्ञान गुणों के सागर तुझसे,
तीनो लोक उजाला,
बड़े बड़े तपी ऋषि मुनि,
तेरे नाम की जपते माला,
श्री राम के दास की,
विकट रूप विकराल की,
जय कपीस बलवान की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की।।
लंका जारी सिया सुधि लायो,
असुरो को संहारा,
लाये संजीवन लखन जियायो,
बने राम का प्यारा,
जय कपीस दिगपाल की,
कालो के भी काल की,
विकट रूप विकराल की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की।।
संकट मोचन नाम तिहारो,
हरो ह्रदय की पीड़ा,
भक्ति करू निज प्रेम भाव से,
तेरी हनुमत बीरा,
पवन तनय सुकुमार की,
सियाराम के दास की,
संकट मोचन नाथ की,
करो रे मिलकर वंदना,
महावीर हनुमान की।।
राम दूत बल धाम की,
पवन पुत्र वर वान की,
अंजनी के इस लाल की,
करो रे मिलके वंदना,
महावीर हनुमान की।
असुर निकंदन नाथ की,
बलवीरा सिय दास की,
करो रे मिलके वंदना,
महावीर हनुमान की।।
