- – यह गीत खाटू धाम के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करता है, जहां बाबा (खाटू श्याम) की पूजा होती है।
- – गीत में खाटू धाम को पावन भूमि और बाबा की राजधानी बताया गया है, जहां हर कोई आना चाहता है।
- – मंदिर की घंटी से दिन की शुरुआत करने और श्याम नाम का जाप करने की इच्छा प्रकट की गई है।
- – भक्त बाबा के चरणों में स्थान पाने और अहंकार से मुक्त होकर भक्ति करने की कामना करता है।
- – गीत में खाटू धाम में घर होने की इच्छा व्यक्त की गई है, जो भक्त की सबसे बड़ी मनोकामना है।
- – स्वर और रचना ट्विंकल शर्मा द्वारा की गई है, और गीत के लेखक गोपाल जी गोयल हैं।

आन बसु मैं भी बाबा,
तेरे खाटू धाम में,
काश मेरा घर हो बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
खाटू की भूमि है पावन,
बाबा की राजधानी,
इस भूमि के कण कण में,
बसता शीश का दानी,
हर कोई आना चाहे बाबा,
हर कोई आना चाहे बाबा,
तेरे खाटू गांव में,
काश मेरा घर हों बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
मंदिर की घण्टी से मेरे,
दिन की हो शुरुआत,
सुबह शाम दिन रात हो,
श्याम नाम बरसात,
घर मेरा बन जाए बाबा,
घर मेरा बन जाए बाबा,
मंदिर के ही पास में,
काश मेरा घर हों बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
आस मेरी पूरी कर दो,
कर दो ये अहसान,
चरणों में तेरे जगह मिले,
करूँ ना मैं अभिमान,
बस जाए ‘गोपाल’भी बाबा,
बस जाए ‘गोपाल’भी बाबा,
आके खाटू धाम में,
काश मेरा घर हों बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
आन बसु मैं भी बाबा,
तेरे खाटू धाम में,
काश मेरा घर हो बाबा,
तेरे खाटू धाम में।।
स्वर – ट्विंकल शर्मा।
– लेखक एवं प्रेषक –
गोपाल जी गोयल (9811845745)
