- – गीत में खाटू धाम की भक्ति और श्री श्याम बाबा की महिमा का वर्णन है, जहाँ भक्त प्रेम और आस्था के साथ आते हैं।
- – “मोरनी बनके छम छम नाचना” एक प्रतीकात्मक भाव है जो भक्ति और आनंद को दर्शाता है।
- – भक्त बाबा की कृपा और प्रेम की वर्षा की कामना करते हैं, जो जीवन के दुखों से मुक्ति दिलाती है।
- – गीत में भक्त का मन बाबा के प्रति गहरा प्रेम और उनके दर्शन की तीव्र इच्छा व्यक्त होती है।
- – खाटू की गलियों में भक्ति का माहौल और प्रेमी भक्तों की एकता का संदेश मिलता है।
- – संजीव शर्मा द्वारा गाया और लिखा यह गीत भक्ति रस से ओतप्रोत है, जो श्रद्धालुओं को प्रेरित करता है।

खाटू में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं,
सांवरिया तेरी याद में,
जोगन बन मैं गाऊं,
खाटु में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं।।
तर्ज – सावन में मोरनी बनके।
खाटू की गलियों में,
श्री श्याम की जलती है ज्योति,
बिन मौसम के बाबा,
अमृत की है वर्षा होती,
प्रेमी बन जो कोई है आता यहाँ,
आकर के भूल गया वो सारा जहाँ,
खाटु में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं।।
तुम इतनी किरपा करना,
खाटू बुलाते रहना,
बन माझी नैया को,
भव पार लगाते रहना,
हारे का साथी है कहता ये जहान,
हमने भी मान लिया आकर के यहाँ,
खाटु में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं।।
आओ कभी घर बाबा,
भक्ति का है ये मौसम,
तेरे बिना सूना है,
‘संजीव’ के मन का दर्पण,
इक सपना लगता है आना तेरा,
सावरिया तुम आओगे कहता दिल मेरा,
खाटु में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं।।
खाटू में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं,
सांवरिया तेरी याद में,
जोगन बन मैं गाऊं,
खाटु में मोरनी बनके,
मैं तो छम छम नाचूं,
मैं तो छम छम नाचूं।।
Singer & Lyrics – Sanjeev Sharma
