- – गीत में गहरे दुख और पीड़ा की अभिव्यक्ति है, जिसमें नैना (आँखों) से लगातार आंसू बरसने का वर्णन है।
- – प्रेम और विश्वास की भावना के साथ, गीतकार अपने प्रिय से संवाद की उम्मीद करता है, लेकिन जवाब न मिलने से तड़प महसूस करता है।
- – गीत में जीवन की कठिनाइयों और भवसागर (जीवन के तूफानों) में सहारे की जरूरत पर जोर दिया गया है।
- – खाटू वाले (श्री खाटू श्याम जी) से प्रार्थना की गई है कि वे संकट में सहारा दें और जीवन की कठिनाइयों से उबारें।
- – गीत में भक्ति और समर्पण की भावना स्पष्ट है, जहां भक्त अपने भगवान के प्रति पूर्ण निष्ठा और विश्वास प्रकट करता है।
- – स्वर राजेश लोहिया जी का है और लिरिक्स प्रमोद चोखानी जी द्वारा लिखे गए हैं, जो भावपूर्ण प्रस्तुति को और प्रभावशाली बनाते हैं।
खाटू वाले तेरे रहते,
झर झर बरसे नैना,
झर झर बरसे नैना,
इतना बता दे ये दुःख मुझको,
इतना बता दे ये दुःख मुझको,
कब तक और है सहना,
झर झर बरसे नैना।।
तर्ज – मेरे नैना सावन भादो।
तुझको निहारूं मैं,
तुझको पुकारूं मैं,
तुझको निहारूं मैं,
सुनता नही क्यों,
बात मेरी तू,
इतना क्यों तड़पाये,
क्यों ना हाथ बढाए,
या तो कह दे छोड़ दूँ तुमसे,
या तो कह दे छोड़ दूँ तुमसे,
अब मैं कुछ भी कहना,
झर झर बरसे नैना।।
तुमसे ही आस बंधी,
सुख की प्यास जगी,
तुमसे ही आस बंधी,
किस दर जाऊं,
किसको रिझाऊ,
दिल तेरा क्यों ना पसीजे,
बैठा है अँखियाँ मिचे,
भवसागर के तूफानों में,
भवसागर के तूफानों में,
कब तक और है बहना,
झर झर बरसे नैना।।
हारे का सहारा है,
सबको उबारा है,
हारे का सहारा है,
सुन ओ कन्हैया,
मेरी भी नैया,
क्यों ना पार लगाए,
दास ये डूब ना जाए,
मैं भी हूँ हारा दे दे सहारा,
मैं भी हूँ हारा दे दे सहारा,
तुझ बिन अब नहीं रहना,
झर झर बरसे नैना।।
मैं भी हूँ दास तेरा,
तू विश्वास मेरा,
मैं भी हूँ दास तेरा,
सर पर मेरे,
हाथ जो फेरे,
सुधरे मेरी उमरिया,
सुन ले ओ सांवरिया,
‘चोखानी’ के तुझ बिन बाबा,
‘चोखानी’ के तुझ बिन बाबा,
कटते नही दिन रैना,
झर झर बरसे नैना।।
खाटू वाले तेरे रहते,
झर झर बरसे नैना,
झर झर बरसे नैना,
इतना बता दे ये दुःख मुझको,
इतना बता दे ये दुःख मुझको,
कब तक और है सहना,
झर झर बरसे नैना।।
स्वर – राजेश लोहिया जी।
लिरिक्स – प्रमोद चोखानी जी।
https://youtu.be/mPXG0cQp0lk
