- – यह गीत चामुंडा माता और चौसठ जोगन की आराधना में लिखा गया है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
- – गीत में नवदुर्गा और भवानी माता के आगमन का वर्णन है, जो गरबा नृत्य के माध्यम से उत्सव मनाने का संकेत देता है।
- – गीत में माता के सोलह श्रृंगार, पायल की झंकार, और लाल गुलाल जैसी पारंपरिक सजावट का उल्लेख है, जो उनकी सुंदरता और पवित्रता को दर्शाता है।
- – “खेलो मोटा चौक में चामुंडा” और “गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे” जैसे दोहराए जाने वाले पद उत्सव की जीवंतता और भक्ति भाव को बढ़ाते हैं।
- – यह गीत राजस्थान की लोक संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का प्रतीक है, जिसे सरिता जी खारवाल ने गाया है।
- – गीत के माध्यम से माताजी की नवोदय और भक्तों के बीच उनकी महिमा का उत्सव मनाने का संदेश मिलता है।

खेलो मोटा चौक में चामुण्डा ए,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
ए नव नव आया नोरता माताजी ए,
नव नव आया नोरता चामुण्डा,
अरे गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे।।
नवदुर्गा संग आवजो भवानी ए,
नवदुर्गा संग आवजो भवानी,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा ए,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे।।
अरे कर सोलह सिनगार ए भवानी,
ए कर सोलह सिनगार ए भवानी,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
अरे गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा ए,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे।।
अरे माथे रकडी सोवनी महारानी ए,
सिर पे रकडी सोवनी महारानी,
थारे बिन्दीया लाल गुलाल शेरोवाली ए,
थारे बिन्दीया लाल गुलाल शेरोवाली ए,
ए नव नव आया नोरता चामुण्डा ए,
नव नव आया नोरता चामुण्डा,
अरे गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे।।
अरे बाया मे चुडलो दातरो चामुण्डा ए,
बाया मे चुडलो दातरो चामुण्डा,
अरे थारे गले नवलखो हार सुन्धा वाली रे,
थारे गले में नवसर हार सुन्धा वाली रे,
ए नव नव आया नोरता चामुण्डा ए,
नव नव आया नोरता चामुण्डा,
अरे गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे।।
अरे पगो मे पायल बाजनी महारानी ए,
पगो मे पायल बाजनी महारानी,
माँ बिछ्या रो झनकार सुन्धा वाली रे,
माँ बिछ्या रो झनकार सुन्धा वाली रे,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा ए,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे।।
खेलो मोटा चौक में चामुण्डा ए,
खेलो मोटा चौक में चामुंडा,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
चौसठ जोगन रे साथ सुन्धा वाली रे,
ए नव नव आया नोरता माताजी ए,
नव नव आया नोरता चामुण्डा,
अरे गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे,
गरबे रमवा आव सुन्धा वाली रे।।
गायक – सरिता जी खारवाल।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
