- – भजन में पीर (संत या गुरु) की महिमा और उनके प्रति भक्ति का वर्णन है, जो जीवन की समस्याओं का समाधान करते हैं।
- – सच्चाई अपनाने और झूठ से दूर रहने पर जन्म सफल होता है, यह संदेश दिया गया है।
- – बाबा (संत) के ध्यान और भजन से दुःख दूर होते हैं और सुख-सम्पदा प्राप्त होती है।
- – द्वारका नाथ के दर्शन से जीवन में प्रकाश और सच्चाई का जागरण होता है।
- – भजन में भक्तों को सच्चे मन से भजन करने और पीर की महिमा गाने का आह्वान किया गया है।
कोई डावा हाथ में,
भालो पीर रे,
जीमने में लीले री लगाम,
रुनझुन करता पीर पधारिया,
परा जगाया सुता भाग।।
कोई सुता नरा ने बाबो जगावे,
लागो भाई भजना माय,
कोई साच कमावो,
झूठ ने त्यागो,
जनम सफल थारो हो जाय।।
बाबो जुग में तारण आयो,
धरो भाई बाबा रो ध्यान,
थारा दुःख मिट जावे,
पल रे आय,
सुख सम्पत बाबो बरसाये।।
धाम रूणिचा प्यारो बैठो है,
द्वारका रो नाथ,
कोई ज्योता जागे,
अरे हरदम साची,
दर्शन सु खुल जावे भाग।।
कोई प्रकाश माली महिमा गावे,
परचो पायो हाथो हाथ,
कोई साचे मन सु,
जपे है कोई दुखदारी,
जद पल में जाए।।
कोई डावा हाथ में,
भालो पीर रे,
जीमने में लीले री लगाम,
रुनझुन करता पीर पधारिया,
परा जगाया सुता भाग।।
गायक – प्रकाश माली जी।
भजन प्रेषक – श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क – +91 90965 58244