- – यह गीत माँ बाला सुन्दरी की महिमा और उनकी अद्भुत शान का वर्णन करता है।
- – माँ बाला सुन्दरी का रूप और श्रृंगार भक्तों को बहुत प्रिय और आकर्षक लगता है।
- – उनके दरबार में पुष्पों से सजी भव्यता और भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलों का उपयोग दर्शाया गया है।
- – माँ बाला सुन्दरी ने त्रिलोकपुर धाम की प्रतिष्ठा बढ़ाई और इसे त्रिलोकपुर के बीच में बसाया।
- – जो भी भक्त उनके दर पर आता है, वह अपनी मुरादें पूरी पाता है और भक्तों के भंडार भर जाते हैं।
- – गीत में माँ की अनोखी और निराली महिमा को बार-बार दोहराकर उनकी भक्ति और सम्मान व्यक्त किया गया है।

माँ तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मां तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी।।
तेरा बाल रूप बड़ा न्यारा,
भक्तो को लगता प्यारा,
गजब तेरी पिण्डी का श्रृंगार,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मां तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी।।
तुझे पुष्प लगे बड़े प्यारे,
ये भान्ति भान्ति के न्यारे,
सजे तेरा पुष्पों से दरबार,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मां तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी।।
ध्यानू का मान बढ़ाया,
त्रिलोकपुर बीच बसाया,
ये त्रिलोकपुर प्यारा धाम,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मां तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी।।
जो तेरे दर पे आता,
मुँह माँगी मुरादे पाता,
भरे सब भक्तो के भण्डार,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मां तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी।।
माँ तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मेरी माँ बाला सुन्दरी,
मां तेरी गज़ब निराली शान,
मेरी माँ बाला सुन्दरी।।
गायक / प्रेषक – दिनेश सिंगला।
9215199895
