- – यह गीत भगवान कृष्ण (बांके बिहारी) की महिमा और भक्ति का वर्णन करता है, जिसमें भक्त अपनी पूरी आत्मा से कृष्ण के प्रति समर्पित है।
- – “मैं तो बांके की बांकी बन गई, और बांका बन गया मेरा” यह पंक्ति भक्त की पूर्ण भक्ति और प्रेम को दर्शाती है, जो कृष्ण के प्रति पूरी तरह से समर्पित है।
- – गीत में बांके बिहारी के विभिन्न रूपों, उनके आभूषणों, और उनकी लीलाओं का सुंदर चित्रण किया गया है।
- – भक्तों की भक्ति और प्रेम की गहराई को दर्शाते हुए, गीत में कृष्ण के नाम और जयकारों का बार-बार उच्चारण किया गया है।
- – यह गीत कृष्ण भक्ति की भावना को जागृत करता है और भक्तों को प्रेम और समर्पण की ओर प्रेरित करता है।

मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,
इस बांके का सब कुछ बांका,
इस बांके का सब कुछ बांका,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
बांके है नन्द बाबा और यशुमति,
बांकी घडी जमने है बिहारी,
बांके कन्हैया के बांके है भ्रात,
लड़ाके बड़े हल मूसल धारी,
लड़ाके बड़े हल मूसल धारी,
बांकी मिली दुलहन जगवंदन,
और बांके गोपाल के बांके पुजारी,
भक्तन दर्शन देन के कारण,
झांके झरोखा में बांके बिहारी,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
रसिया की छलिया की,
सजना की सईया की,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
बांकी पागचंद्रिका तापर,
और बांका तुर्रा ररक रहा है,
गरसिरपेच माल और बांकी,
बांके की पटकी चटक अहा है,
बांके की पटकी चटक अहा है,
बांके नैन सेन सर बांके,
बेन बिनोद महा है,
बांके की बांकी झांकी क्र,
बाकी रहयो कहा है,
मै तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
रसिया की छलिया की,
सजना की सईया की,
मै तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
ये टेड़े सो प्रसन्न,
टेडी बातन सो अति प्रसन,
टेड़े टेड़े लक्षण अनेक कान कारे के,
टेड़े टेड़े लक्षण अनेक कान कारे के,
हम सो टेंडाई भूल मत करियो कोई,
हम है उपासी एक टेडी टांग वाले के,
हम है उपासी एक टेडी टांग वाले के,
मै तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
रसिया की छलिया की,
सजना की सईया की,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
टेड़े टिपारे कटारे किरीट की,
मांग की पाग की धारि की जय जय,
कुंडल जाये कपोलन पे,
मुस्कानहु धीर प्रहारी की जय जय,
मुस्कानहु धीर प्रहारी की जय जय,
राजेश्वरी दिन रात रटो,
यही मोहन की बनवारी की जय जय,
प्रेम ते बोलो जी बोलत डोलो,
बोलो श्री बांके बिहारी की जय जय,
बोलो श्री बांके बिहारी की जय जय,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
मै तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,
इस बांके का सब कुछ बांका,
इस बांके का सब कुछ बांका,
मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा।।
