- – यह गीत जगदंबा माता की स्तुति और भक्ति में लिखा गया है, जिसमें उनकी महिमा और कृपा की प्रार्थना की गई है।
- – गीत में माता के विभिन्न रूपों जैसे अम्बे, भवानी, दुर्गा, काली, और शेरावाली का वर्णन है।
- – माता के आभूषणों और उनके हाथों में शंख, खप्पर, त्रिशूल, और चक्कर का उल्लेख किया गया है, जो उनकी शक्ति और दिव्यता को दर्शाता है।
- – भक्ति करने वाला स्वयं को माता का “टाबरियो” (भक्त या पुत्र) मानता है और उनसे जीवन के संकटों से पार पाने की विनती करता है।
- – गीत में माता से मेहरबानी और दया की बार-बार प्रार्थना की गई है, जो भक्त की श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है।

मैं तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो,
मेहर करो नी मैया मेहर करो,
मै तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो।।
तू अम्बे तू मात भवानी,
तू दुर्गे माँ काली,
जय जग जननी ज्वाला वरनी,
तू है शेरावाली,
अब आवो ना – 2 देर करो,
जगदंबे मैया मेहर करो,
मै तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो।।
तारा वरनी चुनर थारी,
चांदङल्यो चमकावे,
माथे बिंदिया झुमका नथनी,
चुङलो यु चमकावे,
गल नोसर – 2 हार खरो,
जगदंबे मैया मेहर करो,
मै तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो।।
एक हाथ में शंख विराजे,
दुजो खप्परधारी,
तीजे में त्रिशूल विराजे,
चौथो चक्करधारी,
असवारी – 2 सिंह की करो,
जगदंबे मैया मेहर करो,
मै तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो।।
पूत कपूत मैं जो कुछ मैया,
आख़िर टाबर थारो,
भवसागर अटकेङी नैया,
मैया पार उतारो,
शेरावाली – 2 सिर पर हाथ धरो,
जगदंबे मैया मेहर करो,
मै तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो।।
मैं तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो,
मेहर करो नी मैया मेहर करो,
मै तो थारो टाबरियो,
जगदंबे मैया मेहर करो।।
Singer: Namrata Karwa
